Vrindavan News: वृंदावन की होली में क्यों उठी मुस्लिमों के बैन की मांग? संत समाज ने बताई वजह ।
होली आने वाली है और ब्रज की होली की बात हो तो रंग, अबीर, गुलाल और भक्तिभाव से भरी गलियां हर किसी को अपनी ओर खींच लेती हैं। लेकिन इस बार मथुरा-वृंदावन की होली सिर्फ रंगों की वजह से नहीं, बल्कि एक नई मांग की वजह से चर्चा में आ गई है। प्रयागराज महाकुंभ में मुस्लिमों की एंट्री बैन के बाद अब मथुरा के संत समाज ने ब्रज की होली में भी मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग उठाई है।
Vrindavan News: संतों का कहना है कि होली सनातन परंपरा का एक पवित्र उत्सव है और इसमें गैर-हिंदुओं की एंट्री से विवाद खड़ा हो सकता है। *निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि* ने कहा, “हिंदुओं
के त्योहारों में गैर-हिंदुओं का दखल नहीं होना चाहिए। जब मुसलमानों के त्योहार आते हैं, तो वे उन्हें अपने रीति-रिवाजों से मनाते हैं, लेकिन जब हिंदुओं के पर्व आते हैं, तो उसे बिगाड़ने की कोशिश की जाती है।”
उन्होंने अपील की कि सभी को सनातन धर्म और देश की एकता का सम्मान करना चाहिए।
स्वामी कैलाशानंद गिरि ने आगे कहा, “रमजान भी चल रहा है, ऐसे में किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए मुस्लिम समाज को खुद ही होली के कार्यक्रमों से दूर रहना चाहिए। भारत तुम्हारा भी है, इसे
समझो और सनातन धर्म, तिरंगे और गंगा-जमुनी तहजीब का आदर करो।” अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने भी इस मुद्दे पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, “होली,
दिवाली, नवरात्रि जैसे हिंदू त्योहारों पर कुछ लोग विवाद खड़ा करने की कोशिश करते हैं। देखा जाए तो मुसलमान हिंदुओं से नफरत भी करते हैं, लेकिन उनके पैसों पर पलना भी चाहते हैं। एक रंग या अबीर फेंकने
से कई बार दंगे भड़क जाते हैं, इसलिए जरूरी है कि जहां-जहां बीजेपी की सरकार है, वहां होली में सिर्फ हिंदुओं को ही आने दिया जाए।”
सोशल मिड़ीया पर छीड़ी बहस:संत समाज की इस मांग के बाद सोशल मीडिया पर जबरदस्त बहस छिड़ गई है। कुछ लोग इस मांग का समर्थन कर रहे हैं और कह रहे हैं कि यह फैसला त्योहारों की पवित्रता बनाए रखने के लिए जरूरी है। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि होली “बुरा न मानो, होली है” का त्योहार है, जो मेल-जोल और प्रेम का संदेश देता है।
Vrindavan News: ब्रज की होली दुनिया भर में मशहूर है और हर साल हजारों विदेशी सैलानी इसे देखने आते हैं। ऐसे में अगर किसी धर्म या समुदाय विशेष की एंट्री पर रोक लगाई जाती है, तो यह पर्यटन और धार्मिक सद्भाव पर असर डाल सकता है। फिलहाल, यूपी सरकार की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। होली के नजदीक आते ही यह बहस और तेज हो सकती है। देखना होगा कि प्रशासन इस मांग पर क्या रुख अपनाता है और क्या ब्रज की होली सभी के लिए खुली रहेगी या किसी खास समुदाय के लिए इसमें पाबंदी लगाई जाएगी?
तो इस होली रंगों के साथ-साथ यह विवाद भी लोगों के चेहरे पर अलग-अलग रंग चढ़ा रहा है! देखते हैं, आगे क्या होता है।