Haridwar Kanwar Yatra 2025: लाखों श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा, भक्ति का सैलाब उमड़ा
हरिद्वार में इन दिनों श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। कांवड़ यात्रा 2025 का आयोजन अपने चरम पर है, जहां लाखों की संख्या में कांवड़ यात्री हरिद्वार पहुंच रहे हैं। यह श्रद्धालु सैकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा तय करके गंगा जल भरने के लिए यहां आते हैं और फिर उस पवित्र जल को लेकर अपने गांव या शहर लौटते हैं, ताकि भगवान शिव का जलाभिषेक कर सकें।
Haridwar Kanwar Yatra 2025: हरिद्वार की पावन धरती इन दिनों भगवा रंग में रंगी हुई है। सड़कें, घाट और मंदिर कांवड़ियों से भरे हुए हैं। चारों ओर हर-हर महादेव और बोल बम के जयकारे गूंज रहे हैं। ये यात्री उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश सहित देश के कई कोनों से पैदल यात्रा करते हुए हरिद्वार पहुंचते हैं। इनका लक्ष्य सिर्फ एक होता है — भोलेनाथ को प्रसन्न करना।
श्रद्धालुओं की सेवा और सम्मान के लिए प्रशासन और आम जनता भी पूरा सहयोग कर रही है। जगह-जगह पर जलपान केंद्र, प्राथमिक चिकित्सा शिविर और विश्राम स्थल बनाए गए हैं। इतना ही नहीं, श्रद्धालुओं के सम्मान में हरिद्वार में हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई, जिसने वहां मौजूद हर व्यक्ति को भावविभोर कर दिया।
पुष्पवर्षा का यह दृश्य इतना भव्य और भावुक था कि लोग मोबाइल कैमरों में इस पल को कैद करते नजर आए। कांवड़ियों की आंखों में सम्मान और कृतज्ञता की चमक साफ देखी जा सकती थी। यह आयोजन सिर्फ धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता का प्रतीक बन चुका है।
Haridwar Kanwar Yatra 2025: कांवड़ यात्रा न केवल भगवान शिव के प्रति अटूट श्रद्धा को दर्शाती है, बल्कि भारतीय संस्कृति की जीवंतता और धर्मनिष्ठा का परिचायक भी है। हरिद्वार में यह महायात्रा एक बार फिर यह सिद्ध करती है कि आस्था में असीम शक्ति होती है, जो लाखों लोगों को एक साथ जोड़ देती है।
निष्कर्ष:
कांवड़ यात्रा 2025 का यह आयोजन हर वर्ष की तरह इस बार भी बेहद भव्य और दिव्य रूप में सामने आया है। श्रद्धा, सेवा और संगठन की मिसाल पेश करते हुए यह यात्रा भारत की सनातन संस्कृति को जीवंत बनाए रखने का कार्य कर रही है।
अगर आप भी इस पावन यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो हरिद्वार आपका स्वागत करने को तैयार है — आस्था और शिवभक्ति के इस महासंगम में।