Chandrayaan-3 को चांद पर पहुंचाने के लिए भारत सरकार ने उठाया इतना भारी-भरकम खर्चा
Chandrayaan-3: भारत 23 अगस्त को अमेरिका, चीन और सोवियत संघ (रूस) के बाद चंद्रमा पर सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान उतारने वाला चौथा देश बनकर इतिहास रच दिया है। जिससे पूरे देश में जश्न मनाया गया। लैंडर (Vikram) और रोवर (Pragyan) को शामिल करते हुए, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का चंद्रयान-3 शाम 6.04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा। जिसके बाद भारत विश्व के उन चार देशों में शामिल हो गया। जो चंद्रमा पर अपनी मौजूदगी दर्ज करवा चुके हैं। तो आईए इस लेख के माध्यम से जानने की कोशिश करते है, कि भारत के इस अभियान से देश को कुल कितना पैसा निवेश करना पड़ा।
चंद्रयान-2 की तुलना में कम था बजट
मिशन चंद्रयान-3 का बजट चंद्रयान-2 की तुलना में काफी कम था। साल 2019 में चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का संपर्क चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग से ठीक पहले क्रैश कर गया था। जिससे इसरो के तत्कालीन डायरेक्टर के. सिवान भी भावुक हो गए थे। चंद्रयान-2 को लांच करने के लिए इसका बजट, 978 करोड़ रुपये निवेश किया गया था। जो कि चंद्रयान-3 के मिशन से कहीं अधिक था। जबकि, 2008 में इसरो द्वारा लॉन्च किए गए पहले चंद्र जांच चंद्रयान -1 का अनुमानित बजट लगभग 386 करोड़ रुपये था।
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इतने बजट में चंद्रमा पर पहुंचा चंद्रयान-3
चंद्रयान-3 के मिशन को कामयाब बनाने के लिए इसरो ने कुल लगभग 615 करोड़ रूपए खर्च किया है। जो कि चंद्रयान-2 की तुलना में काफी कम है। वैज्ञानिको की रिपोर्ट्स के अनुसार, चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हुए रूस के लूना-25 मिशन का अनुमानित बजट लगभग 1,000 से 1,600 करोड़ रुपये के बीच था। हालाँकि, रूसी सरकार की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। वहीं, आगामी 2025 में अमेरिका भी अपने एक नये चंद्र मिशन को स्पेश पर पहुंचाने वाला है। जिसकी अनुमानित लागत लगभग 93 बिलियम अमेरिकी डॉलर खर्च होने की संभावना है।
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