G7 सम्मेलन 2025: पीएम मोदी को नहीं मिला न्योता, कनाडा की भूमिका पर उठे सवाल

G7 यानी "Group of Seven" दुनिया के सात सबसे विकसित और औद्योगिक राष्ट्रों का समूह है, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, जापान, इटली और कनाडा शामिल हैं। यह समूह वैश्विक अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और तकनीक जैसे मुद्दों पर चर्चा करता है। हर साल इनमें से कोई एक देश इसकी मेज़बानी करता है। वर्ष 2025 में इस बार कनाडा G7 सम्मेलन की मेज़बानी कर रहा है, लेकिन इस बार भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्योता नहीं दिया गया है, जो चर्चा का बड़ा विषय बन गया है।

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G7 सम्मेलन 2025: पहले मिल चुका है निमंत्रण
गौरतलब है कि वर्ष 2019 में फ्रांस में हुए G7 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विशेष आमंत्रण दिया गया था। इसके बाद भी 2021 (यूके) और 2022 (जर्मनी) में भारत को विशेष आमंत्रित देशों में शामिल किया गया। इससे यह संकेत मिलता रहा कि भारत, विशेषकर वैश्विक अर्थव्यवस्था और रणनीतिक मामलों में, एक महत्वपूर्ण साझेदार बन रहा है।

2025 में मोदी जी को क्यों नहीं बुलाया गया?
इस बार कनाडा ने भारत को आमंत्रित देशों की सूची में नहीं रखा है। यह निर्णय ऐसे समय आया है जब भारत और कनाडा के रिश्तों में खटास देखी गई है, खासकर कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियों को लेकर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। इसके साथ ही हाल ही में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर कुछ गंभीर आरोप भी लगाए, जिससे दोनों देशों के कूटनीतिक रिश्तों में तनातनी बढ़ गई।

G7 सम्मेलन 2025: किन देशों को मिला निमंत्रण?
G7 के स्थायी सदस्यों के अलावा, 2025 सम्मेलन के लिए कनाडा ने कुछ विशेष साझेदार देशों को आमंत्रित किया है जिनमें शामिल हैं:

दक्षिण कोरिया
ऑस्ट्रेलिया
ब्राज़ील
यूक्रेन
दक्षिण अफ्रीका

भारत का नाम इस सूची से गायब है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा संदेश देता है।

निष्कर्ष
भारत जैसे उभरती वैश्विक शक्ति को G7 जैसे मंच से दूर रखना न केवल राजनीतिक संकेत देता है, बल्कि यह दर्शाता है कि वैश्विक राजनीति में रिश्तों की स्थिति कितनी संवेदनशील होती है। पीएम मोदी को पहले के सम्मेलनों में बुलाया गया था, जिससे भारत की भूमिका मज़बूत हुई थी। लेकिन इस बार कनाडा की ओर से न्योता न देना एक सोचने वाली स्थिति है—क्या यह सिर्फ कूटनीतिक मतभेद हैं या कोई गहरी रणनीति?

यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में भारत और G7 देशों के रिश्ते किस दिशा में बढ़ते हैं।

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