क्या है Konark Chakra? जिसके सामने PM ने किया Biden समेत विदेशी मेहमानों का स्वागत, जानें इसकी खासियत

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G20 Summit:  दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन 2023 जारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (9 सितंबर) शिखर सम्मेलन स्थल भारत मंडपम में विश्व नेताओं का स्वागत किया और उनके साथ तस्वीरें खिंचवाईं. इस दौरान पीछे स्थित ओडिशा के कोणार्क चक्र ने कई विदेशी मेहमानों का ध्यान अपनी ओर खींचा. इनमें से एक थे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन. कोणार्क चक्र को देखकर बाइडेन ने पीएम मोदी से इसके बारे में पूछा. जिसके बाद पीएम मोदी उन्हें चक्र की खासियत बताते नजर आए.

PM ने बाइडेन को बताई चक्र की खासियत

गौरतलब है कि इस दौरान बाइडन ने पीएम मोदी की बातें बड़े ध्यान से सुनीं. बता दें कि कोणार्क चक्र भारत की विरासत में बहुत महत्व है. इसको निरंतरता और प्रगति का प्रतीक माना जाता है. कोणार्क चक्र का निर्माण 13वीं शताब्दी में राजा नरसिम्हादेव-प्रथम के शासनकाल में हुआ था. 24 तीलियों वाला यह पहिया भारत के प्राचीन ज्ञान, वास्तुशिल्प उत्कृष्टता और उन्नत सभ्यता का प्रतीक है. इसे भारतीय तिरंगे में भी शामिल किया गया है. चक्र को लोकतंत्र के पहिये का एक शक्तिशाली प्रतीक भी कहा जाता है.

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‘कोणार्क व्हील’ सोशल मीडिया पर वायरल

‘कोणार्क व्हील’ को लेकर समाज में कई भ्रांतियां हैं. कुछ लोग कहते हैं कि चक्र की 24 मूर्तियां भगवान विष्णु की 24 मूर्तियों का प्रतीक हैं, जबकि अन्य कहते हैं कि गायत्री मंत्र की 24 मूर्तियां भगवान विष्णु का प्रतीक हैं. इस धूपघड़ी का डिज़ाइन जटिल सैद्धांतिक गणनाओं पर आधारित है, जो पृथ्वी, सूर्य, चंद्रमा की स्थिति और तारों की संरचना को ध्यान में रखता है. इससे पूरे दिन और पूरे साल सूर्य की गति का पता लगाया जा सकता है. यह दावा किया गया है कि मंदिर के वास्तुकारों ने धूपघड़ी के निर्माण के लिए खगोल विज्ञान के अपने ज्ञान का उपयोग किया था.

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