महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, 17 महीने बाद जेल से राहत
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट से नवाब मलिक को मनी लांड्रिंग केस में जमानत मिल गई है। 17 महीने से जेल की सलाखों के पीछे दिन गिन रहे नवाब मलिक को मैडिकल आधार पर जमानत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सेहत संबंधी समस्या को आधार मानकर चिकित्सा राहत प्रदान की है। आपको बता दें, कि नवाब मलिक मनी लॉन्ड्रिंग केस में फरवरी 2022 से सजा काट रहे हैं। उन्हें करीब 17 महीने के बाद जमानत मिली है. कानूनी सूत्रों के मुताबिक, सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक को जमानत देने का विरोध नहीं किया।
कपिल सिब्बल ने रखी दलीलें
नवाब मलिक की तरफ से कोर्ट में पेश हुए कपिल सिब्बल (kapil Sibal) ने कोर्ट में कहा, कि उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है. ऐसे में मुझे समझ नहीं आता, कि नवाब मलिक को अंदर रखने की आवश्यकता क्यों है? कपिल सिब्बल ने आगे कहा, कि मलिक का पिछले 16 महीने से किडनी एलाइनमेंट के चलते इलाज चल रहा है। जिसके कारण उन्हें कुछ महीनों के लिए जमानत की आवश्यकता है। ताकि उनका इलाज संपन्न हो सके।
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तुषार मेहता ने भी पेश की दलीलें
प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ( Tushar Mehta) ने अपनी दलील में कहा। कि चिकित्सा से संबंधी अपना ईलाज करवाने के लिए कोई आपत्ति नहीं है। ऐसे में नवाब मलिक को दो महीने की जमानत दे दी जाए। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रहे नवाब मलिक पिछले एक साल से अदालत की मंजूरी के बाद कूर्ला के एक निजी अस्पताल में अपना ईलाज करा रहे है। बताया जा रहा है, कि उनकी एक किडनी पूरी तरह से खराब हो चुकी है।
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