2024 की सत्ता के फाइनल के लिये बीजेपी-कांग्रेस में विधानसभा चुनावों को लेकर कड़ी टक्कर

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2023 Vidhan Sabha Elections: इस साल के अंत तक मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के अलावा दक्षिण भारतीय राज्य तेलंगाना और उत्तर-पूर्वी राज्य मिज़ोरम में विधानसभा के चुनाव होंगे. इन चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज़ हो चुकी है। भारतीय जनता पार्टी ने दो राज्यों में अपने उम्मीदवारों की पहली सूची भी जारी कर दी है, जिससे इन राज्यों में चुनावी हलचल काफी बढ़ चुकी है। हालांकि अभी कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की है, लेकिन चुनाव की तारीख़ की घोषणा होने के काफ़ी पहले भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश में 39 और छत्तीसगढ़ में 21 उमीदवारों की लिस्ट जारी कर अटकलों के बाज़ार को और भी ज़्यादा गर्म कर दिया है। मध्य प्रदेश में विधानसभा की 230 सीटें हैं. जबकि छत्तीसगढ़ में 90 और राजस्थान की विधानसभा की 200 सीटें हैं।

हिंदी पट्टी तय करेगी 2024 की तस्वीर

हिंदी पट्टी के विधानसभा के चुनावों के नतीजों पर पूरे देश की नज़र रहेगी. क्योंकि इनके परिणाम आते ही आने वाले लोकसभा के चुनावों में क्या कुछ होगा इसके काफी कुछ संकेत साफ हो जाएंगे। तो क्या ये मान लिया जाए, कि इन राज्यों के परिणामों से समझा जा सकेगा कि 2024 के आम चुनावों में ऊँट किस करवट बैठ सकता है। विधानसभा के चुनावों का ‘वोटिंग पैटर्न’ आम चुनावों से बिलकुल अलग होता है और ज़रूरी नहीं है कि राज्यों के चुनावों के नतीजों से इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सके। कि कुछ ही महीनों के बाद होने वाले आम चुनावों पर इनका कितना असर पड़ेगा।

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विधानसभा चुनाव होंगे केंद्र की सत्ता का सेमीफाइनल

राजस्थान की राजनीति बड़े दिलचस्प मोड़ पर आकर खड़ी हुई है, जहाँ कांग्रेस के नेता सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच रस्साकशी चलती ही आ रही है। वहीं भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया को पार्टी ने चुनाव की किसी भी समिति से दूर ही रखा है। दोनों प्रमुख संगठनों की अंदरूनी कलह अब जनता के सामने है। वहीं, छत्तीसगढ़ में भी भूपेश बघेल के सामने राज्य में पार्टी की सरकार को बचाए रखने की चुनौती बनी हुई है। इसी को देखते हुए राज्य के सीएम चुनावों को खुद आगे आकर लीड कर रहे है। मध्यप्रदेश की बात की जाए तो पिछले 20 सालों से बीजेपी की सरकार है, और शिवराज सिंह चौहान लगातार सूबे के मुख्यमंत्री के तौर पर काम कर रहे हैं। यदि देखा जाए तो 2018 में कांग्रेस पार्टी ने पूर्ण बहुमत के साथ मध्यप्रदेश में सरकार बनाई थी। लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया का पार्टी से बगावत करने का खामियाजा कांग्रेस को अपनी सरकार गंवाकर चुकाना पड़ा।

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