Extremely Shocking News: 114 वर्षीय धावक फौजा सिंह का सड़क हादसे में निधन: एक युग का अंत, दुनिया ने खोया प्रेरणा का स्रोत

विश्वभर में अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और अनुकरणीय जीवनशैली के लिए प्रसिद्ध, 114 वर्षीय बुजुर्ग मैराथन धावक फौजा सिंह का पंजाब के जालंधर में एक सड़क हादसे में निधन हो गया। यह घटना तब हुई जब वे प्रतिदिन की तरह सुबह अपने घर के बाहर टहल रहे थे, तभी एक तेज़ गति से आती कार ने उन्हें टक्कर मार दी। गंभीर चोट लगने के बाद उन्हें तुरंत नज़दीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

0

Extremely Shocking News: फौजा सिंह सिर्फ एक धावक नहीं थे, वे उम्र की सीमाओं को चुनौती देने वाले जीवंत प्रतीक थे। उन्होंने 90 वर्ष की उम्र में दौड़ना शुरू किया और 100 वर्ष के बाद भी अंतरराष्ट्रीय मैराथनों में भाग लिया। उनके असाधारण संकल्प और अनुशासन ने उन्हें दुनिया भर में “टर्बन टॉरनेडो” की उपाधि दिलाई। उनका जीवन इस बात का प्रमाण था कि यदि मनुष्य ठान ले, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।

फौजा सिंह का जन्म 1 अप्रैल 1911 को पंजाब के ब्यास गांव में हुआ था। शुरुआती जीवन में उन्होंने कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। दौड़ से उनका जुड़ाव एक संयोग की तरह शुरू हुआ, जो आगे चलकर उनकी पहचान बन गया। वे लंदन, न्यूयॉर्क, टोरंटो जैसे शहरों में कई प्रतिष्ठित मैराथन में भाग ले चुके थे।

उनकी जीवनशैली बेहद सादा और अनुशासित थी। वे पूरी तरह शाकाहारी थे, रोज़ योग व प्राणायाम करते थे, और उन्होंने कभी शराब या तंबाकू का सेवन नहीं किया। उनकी आस्था सिख परंपराओं में गहराई से जुड़ी हुई थी, और वे समाज सेवा को अपने जीवन का अहम हिस्सा मानते थे।

Extremely Shocking News: फौजा सिंह के निधन से न केवल खेल जगत बल्कि समूचे समाज में शोक की लहर है। सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों में खेल हस्तियों, राजनेताओं और आम लोगों की लंबी कतार है। उनकी प्रेरणादायक यात्रा भविष्य की पीढ़ियों को यह संदेश देती रहेगी कि आत्मबल, अनुशासन और सकारात्मक सोच से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है।

फौजा सिंह अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी कहानी और जज़्बा सदा अमर रहेगा।

आपको यह भी पसंद आ सकता है
Leave A Reply

Your email address will not be published.