Extraordinary Success Story: घोड़े सँभालने वाले अटल कुमार ने पास किया IIT-JAM, बना IIT मद्रास का छात्र
संघर्ष की मिसाल बन चुके उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के छोटे से गांव के रहने वाले अटल कुमार ने एक ऐसी प्रेरणादायक कहानी लिखी है, जो देश के लाखों युवाओं के लिए एक मार्गदर्शक बन सकती है। सीमित संसाधनों और कठिन परिस्थितियों के बावजूद अटल ने IIT-JAM (Joint Admission Test for Masters) जैसी कठिन परीक्षा को पास कर IIT मद्रास में दाखिला लिया।
Extraordinary Success Story: अटल का बचपन आर्थिक तंगी और शैक्षणिक जागरूकता की कमी के बीच गुज़रा। खुद अटल कहते हैं, “कक्षा 12 तक मुझे IIT का नाम भी नहीं पता था। हमारे पहाड़ी इलाकों में उच्च शिक्षा के बारे में जानकारी बहुत कम है।” अटल ने पढ़ाई के साथ-साथ केदारनाथ यात्रा के दौरान घोड़े और खच्चरों के जरिए तीर्थयात्रियों को गौंरीकुंड से मंदिर तक पहुँचाने का काम किया। यह काम उन्होंने जून तक किया और जैसे ही यात्रा का सीजन खत्म हुआ, उन्होंने पूरी तरह से पढ़ाई में ध्यान लगाया।
स्कूल खत्म करने के बाद अटल ने कोई भी प्रवेश परीक्षा नहीं दी थी। लेकिन जब उनके शिक्षकों ने उन्हें IIT-JAM और मास्टर्स की संभावनाओं के बारे में बताया, तो उन्होंने जुलाई 2024 में अपनी तैयारी शुरू की। उन्होंने कठिन परिश्रम और दृढ़ निश्चय के साथ पढ़ाई की और सफलता हासिल की।
उनकी सफलता केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह उन लाखों युवाओं के लिए एक संदेश है जो सीमित संसाधनों और जानकारी के कारण अपने सपनों को पीछे छोड़ देते हैं। अटल ने बताया, “हमारे गांव में लोग बहुत खुश हैं। बहुत लोगों ने फोन करके बधाई दी।”
Extraordinary Success Story: अटल की कहानी बताती है कि अगर सच्ची लगन और सही मार्गदर्शन हो, तो कोई भी कठिनाई रास्ते की बाधा नहीं बन सकती। सीमित संसाधन भी अगर समर्पण और मेहनत के साथ हों, तो हर ऊंचाई को छुआ जा सकता है।
निष्कर्ष:
अटल कुमार की यह कहानी न केवल एक शैक्षणिक सफलता है, बल्कि एक सामाजिक प्रेरणा भी है जो यह दर्शाती है कि संघर्षों से भागने की बजाय, उनसे लड़कर आगे बढ़ना ही सच्ची जीत है।