Emergency 1975: इमरजेंसी की याद में 25 जून को मनाया जाएगा ‘संविधान हत्या दिवस’, गृह मंत्रालय ने की घोषणा
Emergency 1975: महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 25 जून को संविधान हत्या दिवस का आयोजन किया है। इसे लेकर सरकार ने अधिसूचना जारी की है। 25 जून 1975 को देश में इमरजेंसी की घोषणा की गई थी और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अगले दिन 26 जून को रेडियो पर देश की जनता को इस बारे में आवगत कराया था। गृह मंत्री अमित शाह ने अपने ट्विटर पर पोस्ट करके इस अधिसूचना की सूचना दी।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था। लाखों लोगों को अकारण जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया। भारत सरकार ने हर साल 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया है। यह दिन उन सभी लोगों के विराट योगदान का स्मरण करायेगा, जिन्होंने 1975 के आपातकाल के अमानवीय दर्द को झेला था।
25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था। लाखों लोगों को अकारण जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया। भारत सरकार ने हर साल 25 जून को ‘संविधान… pic.twitter.com/KQ9wpIfUTg
— Amit Shah (@AmitShah) July 12, 2024
भारतीय इतिहास का विवादास्पद फैसला
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के यह निर्णय भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण पल रहा है इसकी कई वजहों में से राजनीतिक अस्थिरता एक मुख्य कारण थी। इमरजेंसी काल के दौरान विभिन्न प्रतिबंध लागू किए गए थे। प्रेस पर सेंशरशिप लागू किया गया और नागरिकों की स्वतंत्रता को भी प्रतिबंधित कर दिया गया था।
आपातकाल के दौरान विपक्ष के बड़े नेता जेल में थे, लेकिन उन्होंने एकता दिखाई विपक्षी के कई नेता सड़क पर उतरे और राष्ट्रपति भवन का घेराव किया, जिनपर कार्रवाई भी हुई। आपातकाल हटने बाद 1977 में चुनाव कराए गए, जिसमें इंदिरा गांधी बुरी तरह से हार गई उस समय खुद इंदिरा गांधी रायबरेली से चुनाव हार गईं थी।
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