Eid al-Adha 2025: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का बकरीद पर बयान: गौहत्या को लेकर जताई गहरी चिंता !

ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने आगामी मुस्लिम त्योहार बकरीद को लेकर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने खास तौर पर गौहत्या के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि धार्मिक पर्व मनाते समय भी भारत की सांस्कृतिक मर्यादाओं और संवेदनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए। स्वामी जी का कहना है, "गाय केवल एक पशु नहीं, हमारी संस्कृति की आत्मा है। जिस देश में गाय को माता कहा जाता है, वहाँ उसकी हत्या किसी भी धर्म के नाम पर स्वीकार्य नहीं हो सकती।" उन्होंने सभी धर्मों के लोगों से आपसी सम्मान और सह-अस्तित्व की भावना को बनाए रखने की अपील की।

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Eid al-Adha 2025:क्या कहा शंकराचार्य ने?
बकरीद से कुछ दिन पहले मीडिया से बातचीत के दौरान स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने यह स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी धर्म या त्योहार को निशाना बनाना नहीं है, बल्कि गौसंरक्षण के संवैधानिक और सांस्कृतिक महत्व को उजागर करना है।

उन्होंने यह भी कहा, “हम सभी धर्मों की आस्थाओं का आदर करते हैं, लेकिन किसी की आस्था के नाम पर किसी और की आस्था को ठेस पहुंचाना उचित नहीं।”

सरकार और प्रशासन से की मांग

1. शंकराचार्य ने केंद्र और राज्य सरकारों से अपील की कि वे बकरीद के अवसर पर देशभर में गौहत्या पर सख्त निगरानी रखें। उन्होंने सुझाव दिया कि:

2. जिन राज्यों में गौहत्या पर पहले से प्रतिबंध है, वहां इसका सख्ती से पालन कराया जाए।

3. कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई हो।

4. सभी धार्मिक आयोजनों में आपसी सम्मान और सामाजिक शांति सुनिश्चित हो।

Eid al-Adha 2025
शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील
उन्होंने समाज के सभी वर्गों से यह भी आग्रह किया कि बकरीद जैसे पर्वों को आपसी भाईचारे के साथ मनाया जाए और किसी भी तरह की कट्टरता या हिंसा से बचा जाए।

यह खबर एक धार्मिक नेता की सोच को सामने रखती है, न कि किसी धर्म विशेष के खिलाफ है। भारत जैसे विविधता से भरे देश में सभी समुदायों का एक-दूसरे की आस्थाओं का सम्मान करना ही हमारी सच्ची पहचान है।

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