Droupadi Murmu: देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज अपना 66वां जन्मदिन मना रही हैं, इस खास मौके पर दुनियाभर से उन्हें शुभकामनाएं आ रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कई सारे पक्ष विपक्ष के नेता उन्हें शुभ संदेश भेज रहे हैं और उनकी दीर्घ आयु की कामना भी कर रहे हैं। आज उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपके लिए लाए हैं उनके जीवन से जुड़ी वो बातें जो बहुत ही कम लोग जानते हैं। तो आइए जानतें हैं देश की महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बारे में-
प्रतिभा पाटिल के बाद द्रौपदी मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति बनी हैं, द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति होने के साथ पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति भी हैं लेकिन इस पद तक पहुंचना उनके लिए आसान नहीं था। संघर्षों से भरे जीवन को पार करके, परिवार की कठिनाइयों का सामना करने के बाद द्रौपदी मुर्मू के नाम पर यह गौरव जुड़ा है।
द्रौपदी मुर्मू का जन्म और शिक्षा
द्रौपदी मुर्मू उड़ीसा की आदिवासी महिला नेता हैं और झारखंड की गवर्नर रह चुकी हैं राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले मतदान में एनडीए की ओर से द्रौपदी मुर्मू का नाम दिया गया था और पूर्ण बहुमत से द्रौपदी मुर्मू देश की राष्ट्रपति चुनी गई थीं।द्रौपदी मुर्मू का जन्म ओडिशा के मयूरभंज जिले में 20 जून 1958 को एक आदिवासी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू था, जो अपनी परंपराओं के मुताबिक, गांव और समाज के मुखिया थे। द्रौपदी मुर्मू अपने गृह जनपद से शुरुआती शिक्षा पूरी करने के बाद भुवनेश्वर के रामादेवी महिला महाविद्यालय से Bachelor की डिग्री हासिल की थी। अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद एक शिक्षक के तौर कुछ समय के लिए काम किया।
द्रौपदी मुर्मू का विवाह
द्रौपदी मुर्मू का विवाह श्याम चरण मुर्मू से हुआ था जो कि एक बैंकर थे। शादी के बाद उनके दो बेटे और एक बेटी हुई लेकिन साल 2009 में उनके बेटे का निधन हो गया अभी वो इस दुख से उभरी भी नहीं थीं कि इसके चार साल बाद 2013 में उनके दूसरे बेटे का भी निधन हो गया और अगले साल 2014 में ही द्रौपदी मुर्मू के पति श्याम चरण का भी निधन हो गया। ये दुख ऐसा ता कि मानो जैसे द्रौपदी मुर्मू की जिंदगी को किसी की नजर लग गई हो लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और समाज के लिए कुछ करने के लिए राजनीति में कदम रखा।
द्रौपदी मुर्मू राजनीतिक करियर
इसके बाद उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत ओडिशा से बीजेपी के साथ ही की बीजेपी में आने के बाद उन्होंने 1997 में ओडिशा के रायरंगपुर नगर पंचायत के पार्षद चुनाव में हिस्सा लिया और जीत हासिल की। बीजेपी ने मुर्मू को पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा का उपाध्यक्ष बना दिया। इसके बाद ओडिशा में बीजेपी और बीजू जनता दल की गठबंधन की सरकार में साल 2000 से 2002 तक वह वाणिज्य और परिवहन स्वतंत्र प्रभार मंत्री रहीं।
साल 2002 से 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री के तौर पर काम किया उन्होंने ओडिशा के रायगंज विधानसभा सीट से विधायकी का चुनाव भी जीता। इसके बाद साल 2015 से 2021 तक द्रौपदी मुर्मू झारखंड की राज्यपाल भी नियुक्त हुईं। वह झारखंड की पहली महिला गवर्नर बनीं इसके बाद 21 जुलाई 2022 को द्रौपदी मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति नियुक्त की गईं।
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