CP Joshi : चुनाव के पहले बीजेपी ने बदला प्रदेशाध्यक्ष, ‘सांसद सीपी जोशी’ के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी, कैसे जिताएंगे 2023 का चुनाव ?

राजस्थान विधानसभा से पहले बीजेपी में बड़ा बदलाव हुआ है. जहां बीजेपी ने चुनाव से पहले सांसद सीपी जोशी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. बीजेपी ने सांसद सीपी जोशी को वफादारी का इनाम दिया है. आपको बता दें कि सांसद सीपी जोशी वही हैं जिन्होंने पीएम मोदी की तुलना राम से की थी.

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CP Joshi : राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Legislative) से पहले बीजेपी (BJP) में बड़ा बदलाव हुआ है. जहां बीजेपी ने चुनाव से पहले सांसद सीपी जोशी (CP Joshi) को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. बीजेपी ने सांसद सीपी जोशी (CP Joshi) को वफादारी का इनाम दिया है. आपको बता दें कि सांसद सीपी जोशी (CP Joshi) वही हैं जिन्होंने पीएम मोदी (PM Modi ) की तुलना राम से की थी.

फैसले के कई मायने

सीपी जोशी से पहले सतीश पूनिया बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष थे. जो करीब 4 साल तक इस पद पर रहे थे. पूनिया के नेतृत्व में बीजेपी को जिला परिषद चुनाव में बड़ी जीत मिली थी. लेकिन वे उपचुनाव में बीजेपी की साक नहीं बचा सके. वहीं विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी के इस फैसले के कई मायने निकाले जा रहे हैं.

राजे के आगे झुके नड्डा !

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और कैंप विधायक सतीश पूनिया के बीच कई बार खींचतान देखने को मिली है. दोनों को एक दूसरे का विरोधी माने जाता है. सतीश पूनिया राजे को सीएम का चेहरा बनाने का विरोध करते आए हैं. इसी के चलते लंबे समय से राजे विधायक सतीश पूनिया को हटाने की मांग कर रही थी. वहीं वसुंधरा राजे की इस जिद्द के आजे जेपी नड्डा को झुकना पड़ा और उन्होंने पूनिया को हटादिया

क्यों हटाया गया ?

फिलहाल ऐसा माना जा रहा है कि, गुटबाजी को रोकने के लिए जेपी नड्डा ने ये फैसला लिया है. आपको बता दें कि बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने सितम्बर 2022 में कहा था कि, कार्यकाल पूरा होने के बाद भी पूनिया की प्रदेशाध्यक्ष पद पर बने रहेंगे. लेकिन सीधे तौर पर वसुंधरा के विरोध से पूनिया को जाना पड़ा

सीपी जोशी का ‘सफर’

सीपी जोशी का पूरा नाम चन्द्र प्रकाश जोशी है, जनता के बीच वह सीपी जोशी नाम से जाने जाते हैं. जो 2014 से चितौड़गढ़ के सांसद है. राजनीति की शुरुआत सीपी जोशी ने 1994-95 में छात्र संघ के उपाध्यक्ष पद से की थी. जिसके बाद वे जिला परिषद, उपप्रधान से लेकर संसद तक का सफर तय किया. जिसके बाद अब उन्हें जिलाध्यक्ष बना दिया गया है.

फैसले में कितना दम !

सीपी जोशी के कंधों पर कम समय में बड़ा काम करने की चुनौती है. क्योंकि राजस्थान विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीने बचे है. जहां कांग्रेस ने आखिरी समय में जिलों की घोषणा और राइट टू हेल्थ बिल लाकर एक मास्टर स्ट्रोक खेला है. वहीं दूसरी ओर बीजेपी को भी मजबूत रणनीति के साथ चुनावी मैदान में उतरना होगा. नहीं तो वे इस चुनाव में अपनी और जमीन खो सकते हैं.

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