इन दिनों मंहगाई चरम सीमा पर हैं। विशेषतौर, पर फल और सब्जियों के रेट आसमान को छू रहे हैं. एक तरफ मंडी आढ़तियों व सरकार की तरफ से बारिश बड़ी वजह बताई जा रही हैं। तो वहीं दूसरी तरफ किसानों ने कहा, कि टमाटर की फसल जून में अत्यधिक गर्मी पड़ने की वजह से खराब हो गई। जिसके कारण टमाटर की कीमतों में भारी उछाल आया हैं। केंद्र सरकार ने बुधवार को सहकारी समितियों राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ और राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ को आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र से टमाटर खरीदने के निर्देश दिए।
एक महीने से बढ़ रही हैं टमाटर की कीमतें
पिछले एक महीने से टमाटर की कीमतों में लगातार वृध्दि हो रही है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने जारी बयान में कहा, कि 14 जुलाई से दिल्ली एनसीआर के उपभोक्ताओं को घटी दरों पर खुदरा दुकानों पर टमाटर उपलब्ध करवाए जायेंगे। बारिश से आपूर्ति बाधित होने के कारण देश के कई हिस्सों में टमाटर की कीमतें 200 रुपये के पार पहुंच गई हैं। वहीं थोक मंडियों में टमाटर की कीमतें 150 रुपये से 180 रूपये प्रति किलोग्राम पहुंच गई हैं।
टमाटर की कीमतों में हुई 8 गुणा तक वृध्दि
टमाटर की कीमतों में पिछले एक महीने में 5 से 8 गुणा की वृध्दि हुई हैं। उपभोक्ताओं को मंहगाई से राहत दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने सस्ती दरों पर टमाटर पहुंचाने की योजना बनाई हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा, कि जिन शहरों में खपत ज्यादा है। वहां पर वितरण को प्राथमिकता दी जाएगी। वहीं मंत्रालय ने यह भी कहा, कि आमतौर पर जुलाई-अगस्त से लेकर अक्टूबर-नवंबर तक टमाटर के उत्पादन में भी कमी आती हैं। नतीजतन, कीमतें बढ़ती हैं। वहीं पिछले कुछ दिनों से देशभर में हो रही बारिश के कारण भी सब्जियों की सप्लाई में कमी आने से कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली है।