भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को धर्म ग्रंथों में शिवपुत्र श्री गणेशजी का प्राकट्य बताया गया हैं। इस दिन देशभर में गणेश उत्सव का पर्व बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस साल 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी के साथ बप्पा का आगमन किया जाएगा। हांलाकि चतुर्थी तिथि की शुरुआत 30 अगस्त दोपहर 03 बजकर 33 मिनट से हो जाएगी। लेकिन गणेश चतुर्थी व्रत पूजन तिथि 31 अगस्त को होगी। यह दिन ज्योतिष की दृष्टि से भी बहुत महत्व रखता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको गणेश चतुर्थी के दिन किए जाने वाले कुछ उपायों की जानकारी देने जा रहे हैं जिन्हें करने से गणपति की कृपा से जीवन की तमाम बाधाएं दूर होती हैं। आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में…
गणेश चतुर्थी पर पीले रंग की गणेश प्रतिमा अपने घर में स्थापित कर पूजा करें। पूजन में श्रीगणेश को हल्दी की पांच गठान श्री गणाधिपतये नम: मंत्र का उच्चारण करते हुए चढ़ाएं। इसके बाद 108 दुर्वा पर गीली हल्दी लगाकर श्री गजवकत्रम नमो नम: का जप करके चढ़ाएं। यह उपाय लगातार 10 दिन तक करने से प्रमोशन होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
धन की इच्छा के लिए गणेश चतुर्थी के दिन स्नान आदि करने के बाद भगवान गणेश को गुड़ में शुद्ध घी मिलाकर भोग लगाएं। इसके बाद इसे गाय को खिला दें। इसके साथ ही मनोकामना पूर्ती के लिए गणेश चतुर्थी के दिन गुड़ से छोटे-छोटी 21 गोलियां बना लें और किसी गणेश मंदिर में जाकर दूर्वा के साथ इन गुड़ की गोलियों को अर्पित करें और गणपति से अपनी इच्छा कहें।
गणेश चतुर्थी के दिन विधिवत तरीके से गणेश यंत्र की स्थापना करें। इसके साथ ही इसकी नियमित रूप से पूजा करें। ऐसा करने से सुख-समृद्धि और सुख-शांति घर में बनी रहेगी। इस यंत्र के घर में रहने से किसी भी प्रकार की बुरी शक्ति घर में प्रवेश नहीं करती।
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गणेश उत्सव के दौरान गणपति का अभिषेक करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन गणेश जी का शुद्ध जल से अभिषेक करें। इसके साथ गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें।
यदि लड़के के विवाह में परेशानियां आ रही हैं, तो वह गणेश चतुर्थी पर भगवान श्रीगणेश को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं। इससे उसके विवाह के योग बन सकते हैं।
गणेश चतुर्थी पर किसी गणेश मंदिर में जाएं और दर्शन करने के बाद अपनी इच्छानुसार गरीबों को दान करें। कपड़े, भोजन, फल, अनाज आदि दान कर सकते हैं। दान के बाद दक्षिणा यानी कुछ रुपये भी दें। दान से पुण्य की प्राप्ति होती है और भगवान श्रीगणेश भी अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं।
अगर आप हमेशा किसी न किसी संकट से घिरे रहते हैं, तो गणेश उत्सव के दौरान गणपति की पूजा करने के साथ ‘ऊं गं गौं गणपतये विघ्न विनाशिने स्वाहा’ मंत्र का 21 माला जाप करें।
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