बॉम्बे हाई कोर्ट का बड़ा फैसला डीयू के इस प्रोफेसर को किया बरी, सरकार को बड़ा झटका

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Bombay High Court: बॉम्बे हाई कोर्ट ने आज एक बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने फैसला सुनते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर रहे जीएन साईबाबा को बरी कर दिया है. फैसला सुनते हुए कोर्ट ने इनपर लगे उम्र कैद की सजा को भी पलट दिया है. आज यानि मंगलवार को बॉम्बे हाई की नागपुर पीठ ने फैसला सुनाया. कोर्ट ने सुनते हुए गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत माओवादी से लिंक के आरोप में दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा और अन्य पांच लोगो की सजा को पलट दिया.

कौन कौन हुए बरी

सुनवाई करते हुए जस्टिस विनय जोशी और वाल्मिकी एसए मेनेजेस ने बड़ा फैसला सुनाया. जीएन साईबाबा और अन्य पांच लोगों पर माओवादी संगठन के साथ जुड़े होने और उनके साथ भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगा था. बॉम्बे हाई कोर्ट की और से बरी होने वाले लोगों में जीएन साईबाबा, हेम मिश्रा, महेश तिर्की, विजय तिर्की, नारायण सांगलीकर, प्रशांत राही और पांडु नरोटे (मृतक) का नाम शामिल है. बोबे हाई कोर्ट ने इस सभी के उम्र कैद भी ख़त्म कर दिया है.

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सुप्रीम कोर्ट जा सकता है मामला

वहीँ ऐसा अनुमान लगया जा रहा है की सरकारी पक्ष इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है. सुप्रीम कोर्ट में मामले को लेकर जाने के लिए सरकारी पक्ष विचार कर रहा है. बता दें जीएन साईबाबा फ़िलहाल नागपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं. कोर्ट ने आदेश देते हुए सभी आरोपियों को 50 हज़ार मुचलके पर बरी किया है. वही बॉम्बे हाई कोर्ट का ये फैसला सरकार और राजय की पुलिस के लिए बड़ा झटका मन जा रहा है. वहीं क्या सरकारी पक्ष इस मामले में उच्च न्यायलय जाता है या नहीं देखने वाली बात है.

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