Ajit Pawar को मनाने में जुटी भाजपा, CM Eknath ने जारी की संरक्षक मंत्रियों की नई लिस्ट
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार पिछले कुछ दिनों से गठबंधन सरकार से नाराज चल रहे थे. जिसको देखते हुए महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने संरक्षक मंत्रियों की संशोधित लिस्ट की घोषणा की है. दरअसल उपमुख्यमंत्री (Ajit Pawar) ने मंगलवार को हुए कैबिनेट बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया था. वहीं सीएम (Eknath Shinde) की तरफ से जारी संशोधित सूची में उपमुख्यमंत्री अजित पवार को पुणे जिले के संरक्षक मंत्री का पद दिया गया है. बता दें कि महाराष्ट्र के जिन 12 जिलों में संरक्षक मंत्रियों की नियुक्ति की गई है. उनमें अधिकतर एनसीपी (अजित गुट) के मंत्री हैं. वहीं कैबिनेट बैठक के अलावा अजित दिल्ली में भाजपा की केंद्रीय नेतृत्व की बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे. जिसमें मुख्यमंत्री शिंदे के अलावा उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने भी हिस्सा लिया था.
राज्यातील १२ जिल्ह्यांच्या पालकमंत्र्यांची सुधारीत यादी जाहीर…#पुणे – अजित पवार#अकोला – राधाकृष्ण विखे- पाटील#सोलापूर – चंद्रकांत दादा पाटील#अमरावती – चंद्रकांत दादा पाटील#भंडारा – विजयकुमार गावित#बुलढाणा – दिलीप वळसे-पाटील#कोल्हापूर – हसन मुश्रीफ#गोंदिया -…
— Eknath Shinde – एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) October 4, 2023
किसको-किसको मिली किन-किन जिलों की जिम्मेदारी?
बता दें कि संरक्षक मंत्री के तौर पर पुणे जिले के कमान उपमुख्यमंत्री अजित पवार, अकोला का कमान राधाकृष्ण विखे-पाटील, सोलापुर और अमरावती का कमान चंद्रकांत दादा पाटील, भंडारा के लिए विजयकुमार गावित, बुलढाणा जका कमान दिलीप वळसे-पाटील, कोल्हापुर के लिए हसन मुश्रीफ को नियुक्त किया गया है. इसके अलावा गोंदिया जिले का कमान धर्मरावबाबा आत्राम, बीड के लिए धनंजय मुंडे, परभणी का कमान संजय बनसोडे, नंदूरबार के लिए अनिल पाटील और वर्धा के लिए सुधीर मुनगंटीवार को संरक्षक मंत्री के तौर पर नियुक्ति मिली है.
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अजित पवार चल रहे हैं आजकल नाराज
दरअसल महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार सत्ता में हुए बंटवारे से नाखुश चल रहे हैं. जुलाई में एनसीपी से अलग होने के बाद सरकार बनाने वाले अजित पवार ने मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में हिस्सा नहीं लिया. महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार में हो रही देरी भी उनकी नाराजगी की एक वजह है. हालांकि, बीजेपी किसी भी सूरत में 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में सत्ता नहीं गंवाना चाहती है. इसलिए किसी भी तरह अजित पवार को मनाने की कोशिश जरूर की जाएगी.
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