Bihar Special Status: केंद्र सरकार की तरफ से बिहार को बड़ा झटका लगा है, या फिर यूं कहें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बीजेपी सरकार से बड़ा झटका दिया है। दरअसल, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर दिल्ली से बड़ा खबर सामने आ रहा है। लोकसभा में बजट सत्र के दौरान वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने केंद्र सरकार की तरफ से बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना संभव नहीं है। वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि विशेष राज्य के दर्जे के लिए जिन प्रावधानों को पूरा करना होता है, वो बिहार में नहीं हैं। दरअसल, बीते कई वर्षों से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग होती रही है।
जेडीयू उठा रहा विशेष राज्य के दर्जे की मांग
बता दें कि, रविवार को भी सर्वदलीय बैठक के दौरान जेडीयू के राज्यसभा सांसद संजय झा ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज देने की मांग उठाई थी। वहीं, सोमवार को आम बजट से पहले जेडीयू ने एक बार फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष सहायता देने की मांग की है। जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग बिहार की जनता की आवाज है। जेडीयू ने मांग पत्र नहीं, अधिकार पत्र भेजा है। हमने कहा है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष सहायता मिलनी चाहिए। गौरतलब है कि कल नई केंद्र सरकार का आम बजट पेश होने वाला है।
The Special Category Status for plan assistance was granted in the past by the National Development Council (NDC) to some States that were characterized by a number of features necessitating special consideration.
The decision was taken based on an integrated consideration of… pic.twitter.com/PbPDiJjLyz
— ANI (@ANI) July 22, 2024
कई राज्य कर रहे हैं मांग
बता दें कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 275 के मुताबिक, किसी राज्य को विशेष श्रेणी के राज्य का दर्जा देने के प्रावधान हैं। इस समय देश में कुल 29 राज्य और 7 केंद्र शासित प्रदेश हैं। जिनमें से 11 राज्यों को विशेष श्रेणी के राज्य का दर्जा प्राप्त है। लेकिन अभी भी बिहार, आंध्र प्रदेश, ओडिशा समेत पांच राज्य ऐसे हैं जो विशेष राज्य का दर्जा मांग रहे हैं। अनुच्छेद 275 में बताया गया है कि किन शर्तों के तहत किसी राज्य को यह विशेष दर्जा दिया जा सकता है। इन प्रावधानों के अनुसार यह दर्जा उन राज्यों को दिया जा सकता है। जिनकी भौगोलिक परिस्थितियां पहाड़ी या कठिन हों, राज्य अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के लिहाज से सामरिक महत्व का हो, प्रति व्यक्ति आय बहुत कम हो, जनसंख्या घनत्व कम हो या आदिवासी बहुल आबादी हो या आर्थिक और संरचनात्मक पिछड़ापन हो तथा राजस्व के स्रोतों का अभाव हो।
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