Bihar सरकार ने विधानसभा में पेश किया जातीय आर्थिक सर्वेक्षण, शिक्षा-गरीबी में फिसड्डी साबित हुआ राज्य

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Bihar News: बिहार की राजनीति फिर से गरमा गई है. वैसे तो सियासी माहौल हमेशा गर्म ही रहता है. परंतु इस बार गर्माहट की वजह गंभीर है. दरअसल पिछले महीने बिहार सरकार ने जातीय गणना का आंकड़ा सार्वजनिक किया था. इस बार राज्य सरकार ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार (07 नवंबर) को जातिगत आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पेश किया. इस रिपोर्ट में जातिगत गरीबी, शिक्षा और आर्थिक स्थिति को बताया गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक बिहार एक गरीब राज्य

बिहार सरकार के द्वारा विधानसभा में पेश की गई रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया है. बिहार में आंकड़ों के मुताबिक सामान्य वर्ग में 25.09%, पिछड़ा वर्ग के 33.16%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 33.58%, एससी के 42.93% और एसटी में 42.70% परिवार गरीब हैं. इसके अलावा अन्य जातियों में 23.72% गरीब हैं. जिसका मतलब बिहार में कुल 33.53% आबादी गरीब है.

बिहार में जातिगत आधार पर गरीबी

  • ब्राह्मण- 25.3%
  • भूमिहार- 25.32%
  • राजपूत- 24.89%
  • कायस्थ-13.83%
  • यादव- 35.87%
  • कुशवाहा- 34.32%
  • कुर्मी- 29.90%
  • बनिया- 24.62%
  • तेली- 29.87%
  • मल्लाह- 34.56%
  • नोनिया- 35.88%
  • नाई- 38.37%
  • दुसाध- 39.36%
  • चमार- 42.06%
  • मुसहर- 54.56%
  • पासी- 38.24%
  • धोबी- 35.82%

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रिपोर्ट में आर्थिक आधार पिछड़ा बिहार

बता दें कि नीतीश सरकार की तरफ से पेश जातियों के आर्थिक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार आर्थिक आधार पर पिछड़ा हुआ प्रदेश है. दरअसल बिहार सरकार के आंकड़ों के अनुसार सामान्य वर्ग में 25 फीसद लोग प्रतिमाह 6 हजार रुपया, 23 फीसद लोग प्रतिमाह 6 से 10 हजार रुपया, 19 फीसद लोग प्रतिमाह 10 हजार से 20 हजार रुपया, 16 फीसद की लोग 20 हजार से 50 हजार रुपया और सिर्फ 9 फीसद लोग प्रतिमाह 50 हजार रुपया से अधिक कमाते हैं.

बता दें कि पिछड़ा वर्ग में 33 फीसद लोग की प्रतिमाह 6 हजार रुपया, 29 फीसद लोग की प्रतिमाह 6 से 10 हजार रुपया, 18 फीसद लोग की प्रतिमाह 10 से 20 हजार रुपया, 10 फीसद लोग की प्रतिमाह 20 से 50 हजार रुपया और सिर्फ 4 फीसद लोग की प्रतिमाह 50 हजार या अधिक कमाते हैं. वहीं अनुसूचित जाति में 42 फीसद लोग छह हजार, 29 फीसद लोग छह से 10 हजार, 15 फीसद लोग 10-20 हजार, 5 फीसद लोग 20 से 50 हजार और महज एक फीसद लोग 50 हजार रुपये कमाते हैं.

दरअसल बात अगर अत्यंत पिछड़ा वर्ग की करें तो 33 फीसद लोग 20 हजार, 32 फीसद लोग 6 से 10 हजार, 18 फीसद लोग 10 से 20 हजार, सिर्फ 2 फीसद लोग 50 हजार रुपये या इससे अधिक कमाते हैं. इसके अलावा अनुसूचित जनजाति वर्ग की बात करे तो 42 फीसद लोग 10 हजार रुपये, 25 फीसद लोग 6 से 10 हजार, 16 फीसद लोग 10 से 20 हजार, 8 फीसद लोग 20 से 50 हजार, महज 2.53 फीसद लोग 50 हजार रुपये या उससे अधिक कमाते हैं.

रिपोर्ट में शिक्षा के क्षेत्र में फिसड्डी रहा बिहार

बता दें कि गरीबी और कमाई के बाद बिहार शिक्षा के क्षेत्र में भी फिसड्डी रहा है. दरअसल रिपोर्ट के मुताबिक पुरे बिहार में सिर्फ सात प्रतिशत लोग ही ग्रेजुएशन तक की शिक्षा हासिल की है. साथ ही कक्षा 1 से 5 तक की शिक्षा 22.67 फीसद लोगो ने ली है. वहीं कक्षा 6 से 8 तक की शिक्षा 14.33 फीसद लोगों ने ली है. इसके अलावा कक्षा 9 से 10 तक की शिक्षा 14.71 फीसद लोगों ने ली है. वहीं 11वीं और 12वीं तक की शिक्षा सिर्फ 9.19 फीसद लोगों के पास है.

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