‘Ayushman Bharat Scheme’ में बड़ा घोटाला, CAG की रिपोर्ट में खुलासा, मरे हुए लाभार्थी भी हैं जिंदा!

0

भारत सरकार की आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Scheme) में CAG को घपले मिले हैं. दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी स्वास्थ्य सेवा योजना पीएम बीमा योजना और पीएम जन औषधि योजना में एक ही मोबाइल नंबर से काफी लोगों के नाम रजिस्टर्ड है। इसमें बहुत सारे लाभार्थी आ गए. इसी तरह से फर्जी पंजीकरण और भी कई मुद्दों में हुआ. सरकार की आयुष्मान स्कीम के आंकडें कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (CAG) ने एक आंकड़ा जारी किया है। जिसमें उन्होंने यह बताया है, कि सिर्फ यही नहीं आयुष्मान भारत योजना में और भी बहुत सारे घपले हुए हैं। कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल की रिपोर्ट में कहा गया है, कि 9.85 लाख लाभार्थी सिर्फ तीन मोबाइल रजिस्टर्ड हैं।

CAG की रिपोर्ट में बड़ी गड़बडी

प्रधानमंत्री हैल्थ इंश्योरेंस स्कीम में बहुत सारी गड़बड़ियां सामने आई हैं. CAG की रिपोर्ट में यह सामने आई हैं। जबकि स्वास्थय मंत्रालय संसद में यह कहती है, कि वह फ्राड और संदिग्ध ट्रांजेक्शन का ट्रैक करने के लिए आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल कर रही है। CAG ने आयुष्मान भारत की प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की एक रिपोर्ट जारी की है. यह योजना विश्व की सबसे बड़ी सरकारी फंडेड स्कीम है. कैग की रिपोर्ट में कहा गया है, कि 9.85 लाख लाभार्थी सिर्फ तीन मोबाइल रजिस्टर्ड हैं. करीब साढ़े सात लाख लाभार्थी मोबाइल नंबर 9999999999 पर रजिस्टर्ड हैं। 1.3 लाख मोबाइल नंबर 8888888888 पर रजिस्टर्ड हैं. इसके अलावा 96,046 लोग मोबाइल नंबर 9000000000 पर रजिस्टर्ड हैं. रिपोर्ट में बताया गया है, कि इन गलत नंबरों पर लाखों लोग रजिस्टर्ड हैं। 4761 लाभार्थी ऐसे हैं, जो कि सात आधार कार्ड नंबरों पर रजिस्टर्ड हैं. CAG ने डेटा ने 2022 तक के डाटा विश्लेषण की रिपोर्ट जारी की है।

ये भी पढ़ें- Madhya Pradesh और Chhattisgarh आगामी चुनावों के लिए भाजपा ने जारी किया उम्मीदवारों की पहली सूची

24 करोड़ लाभार्थी शामिल

प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना की इस स्कीम में करीब 24 करोड़ लाभार्थी होने का दावा किया गया हैं.  रिपोर्ट में कहा गया है, कि इसमें अवैध लाभार्थी हैं. और इस  तरह के लोग कम से कम छह राज्यों में योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। करोड़ों रुपये का इन अवैध लाभार्थियों पर खर्च किया जा रहा है. देश में इस तरह के सबसे अधिक अयोग्य लाभार्थियों में सबसे ज्यादा व्यय तमिलनाडु में 22.4 करोड़ रुपये व्यय हो रहा है. कर्नाटक में 4.65 करोड़, महाराष्ट्र में 1.47 करोड़ इन पर खर्च किए जा रहे हैं।

ये भी पढ़ें- क्या Rajasthan BJP में हो रही Vasundhara की अनदेखी? चुनाव समितियों से उनका नाम गायब

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘Saugandh TV’ को अभी subscribe करें. आप हमें FACEBOOKऔर INSTAGRAM पर भी फॉलो कर सकते हैं.

आपको यह भी पसंद आ सकता है
Leave A Reply

Your email address will not be published.