Allahabad University का बड़ा फैसला, सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए छात्रों को पढ़ाएंगे भगवद गीता!

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Allahabad University: हिंदुस्तान में सनातन संस्कृति वर्षों से चली आ रही है. देश में इस संस्कृति को लेकर विवाद भी खूब हुआ है. इस बीच देश की प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग ने इस सत्र से बीबीए-एमबीए 5 वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स में छात्रों को भगवद गीता के माध्यम से मैनेजमेंट पढ़ाने का फैसला लिया है. साथ ही छात्र रामायण, उपनिषद और चाणक्य नीति की भी पढ़ाई करेंगे. बता दें कि विश्वविद्यालय के शैक्षणिक परिषद से मंजूरी मिलने के बाद 26 छात्र छात्राओं के साथ अक्टूबर महीने से कोर्स की शुरुआत कर दी गई है.

भगवद गीता से मैनेजमेंट सीखेंगे छात्र

बता दें कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने वाणिज्य विभाग में बीबीए- एमबीए फाइव इयर्स इंटीग्रेटेड कोर्स लॉन्च किया है. जिसमें इंडियन मैनेजमेंट थॉट एंड प्रैक्टिसेज विषय में भगवद गीता के साथ-साथ रामायण, उपनिषद और चाणक्य नीति भी पढ़ाई जाएगी. दरअसल इसके पीछे की वजह है कि प्राचीन भारत के मैनेजमेंट को छात्र समझ सके और उससे मदद ले सके. वाणिज्य विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो आर एस सिंह के अनुसार भगवद गीता सबसे प्राचीन मैनेजमेंट शास्त्र है.

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नई शिक्षा नीति के तहत इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के वाणिज्य विभाग के विभागाध्यक्ष ने कहा कि पहली बार बड़े उद्योगपतियों के स्मार्ट मैनेजेरियल डिसीजंस और स्किल्स के बारे में छात्र पढ़ेंगे. इन उद्योगपतियों में जेआरडी टाटा, धीरूभाई अंबानी, अजीम प्रेमजी, एन आर नारायण मूर्थी, सुनील मित्तल और बिरला जैसे औद्योगिक घराने शामिल है. उन्होंने आगे बताया कि स्टूडेंट्स को अष्टांग योग के बारे में भी ज्ञान दिया जाएगा. पिछले महीने वाणिज्य विभाग ने 26 विद्यार्थियों से पढ़ाई भी शुरू कर दी है.

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