Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पत्नी को गुजारा भत्ता देने के मामले में एक अहम फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अगर पति की नौकरी से कोई आय नहीं है तो भी वह अपनी पत्नी को भरण-पोषण प्रदान करने के लिए बाध्य है। कोर्ट ने कहा कि वह एक अकुशल मजदूर के रूप में रोज लगभग 300-400 रुपये कमा सकता है।
पत्नी का भरण-पोषण करना पति का कर्तव्य
इस फैसले में हाईकोर्ट ने कहा है कि पत्नी का भरण-पोषण करना पति का कर्तव्य है। यह कर्तव्य नौकरी से आय होने पर ही नहीं, बल्कि नौकरी नहीं होने पर भी लागू होता है। कोर्ट ने कहा कि पति के पास नौकरी नहीं होने पर वह अकुशल मजदूरी करके भी अपनी पत्नी का भरण-पोषण कर सकता है। यह फैसला एक महिला के लिए काफी राहत लेकर आया है। महिला ने पति पर दहेज की मांग को लेकर एफआईआर दर्ज कराई थी और पति का घर छोड़ दिया था। महिला ने कोर्ट में गुजारा भत्ता मांगा था। परिवारिक अदालत ने पति को 2,000 रुपये मासिक गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था। पति ने इस आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील की थी।
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पति को देना होगा पत्नी को गुजारा भत्ता
हाईकोर्ट ने पति की अपील को खारिज करते हुए कहा कि पति को अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता देना होगा। कोर्ट ने कहा कि पति ने यह साबित नहीं किया है कि उसकी पत्नी टीचिंग करके 10,000 रुपये महीना कमाती है। ऐसे में कोर्ट ने पति की इस दलील पर भी विचार नहीं किया कि उसके माता-पिता और बहनें उस पर निर्भर हैं और वह खेती करके कुछ कमाता है। इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि पत्नी का भरण-पोषण करना पति का कर्तव्य है। यह कर्तव्य नौकरी से आय होने पर ही नहीं, बल्कि नौकरी नहीं होने पर भी लागू होता है।
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