राजस्थान कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, बड़े राजनीतिक संबंध रखने वाली Jyoti Mirdha बीजेपी में शामिल
Rajasthan Assembly Elections: विधानसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस पार्टी नेता ज्योति मिर्धा और सवाई सिंह चौधरी ने सोमवार को दिल्ली में राजस्थान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया है। मिर्धा और चौधरी के शामिल होने से आगामी चुनाव में भाजपा को जबरदस्त फायदा होने की संभावना है। विधानसभा चुनाव से पहले प्रमुख जाट नेता को पार्टी में शामिल करने को राजस्थान में जाट वोटबैंक हासिल करने के कदम के रूप में देखा जा रहा है। हालाँकि, यह देखना दिलचस्प होगा, कि भाजपा का यह कदम आगामी राज्य चुनावों में भाजपा के लिए कितना फायदेमंद साबित होगा।
कौन हैं ज्योति मिर्धा?
कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुई ज्योति मिर्धा बड़े राजनीतिक परिवार से आती हैं। जाट नेता ज्योति मिर्धा (Jyoti Mirdha) पश्चिमी राजस्थान के दिग्गज कांग्रेस नेता नाथूराम मिर्धा की पोती हैं। नाथूराम मिर्धा राजनीतिक कैरियर बेहद लंबा और प्रतिष्ठित रहा था। उन्होंने छह बार देश की संसद सदस्य और चार बार राजस्थान विधानसभा सदस्य के रूप में काम किया। उन्होंने केंद्र और राज्य दोनों सरकारों में मंत्री पद पर भी अपनी भूमिका निभाई। राजस्थान की राजनीति में उनकी विरासत और प्रभाव महत्वपूर्ण रहा है।
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लगातार 2 लोकसभा चुनाव में मिली हार
वरिष्ठ कांग्रेस नेता रही ज्योति मिर्धा को लगातार दो बार राजस्थान में लोकसभा सीटों पर हर का सामना करना पड़ा है। ज्योति मिर्धा को 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ से नागौर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया था। जहां पर हनुमान बेनीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ते हुए उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. हनुमान बेनीवाल ने 2019 लोकसभा चुनाव में ज्योति मिर्धा को ₹1,81,000 से ज्यादा वोटो से मात दी थी।
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