BHARAT BANDH 2025: 25 करोड़ मज़दूरों का राष्ट्रव्यापी आंदोलन, श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ हड़ताल

नई दिल्ली, 8 जुलाई 2025: भारत एक बार फिर एक बड़े श्रमिक आंदोलन का गवाह बना, जब देशभर के लगभग 25 करोड़ मज़दूरों ने भारत बंद का ऐलान किया। इस बंद का आयोजन केंद्र सरकार की "श्रमिक विरोधी नीतियों" के विरोध में किया गया है। इस आंदोलन में बैंकिंग, पोस्टल, कोयला, परिवहन, निर्माण, शिक्षा और अन्य असंगठित क्षेत्रों के मज़दूर बड़ी संख्या में शामिल हुए।

0

BHARAT BANDH 2025: भारत बंद का मुख्य कारण:
श्रमिक संगठनों का कहना है कि सरकार ने हाल ही में जो श्रम कानून लागू किए हैं, वे कर्मचारियों के हितों को नजरअंदाज़ करते हैं। जैसे:

न्यूनतम वेतन में कोई ठोस वृद्धि नहीं।

स्थायी कर्मचारियों को ठेका पद्धति में तब्दील करने की नीति।

नौकरी से निकाले जाने के नियमों में श्रमिकों के हित की अनदेखी।

ट्रेड यूनियनों के अधिकारों में कटौती।

हड़ताल का असर:
इस हड़ताल का असर पूरे देश में देखा गया। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, पटना, चेन्नई, भोपाल और लखनऊ जैसे शहरों में:

बैंक सेवाएं प्रभावित रहीं।

कोयला खदानों और परिवहन सेवाओं में रुकावट आई।

कई स्कूल-कॉलेज बंद रहे और सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति कम रही।

BHARAT BANDH 2025: सरकार की प्रतिक्रिया:
केंद्र सरकार ने इस हड़ताल को “राजनीतिक प्रेरित” बताते हुए कहा है कि वह श्रमिकों के साथ संवाद के लिए तैयार है, लेकिन राष्ट्रहित में “कठोर निर्णय” लेने जरूरी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि वाले पोस्टर और सोशल मीडिया पर चल रहे नारों ने इस आंदोलन को और तीव्र बना दिया है।

जनता की प्रतिक्रिया:
सोशल मीडिया पर #BharatBandh और #SaveWorkers ट्रेंड कर रहा है। आम लोग भी इस आंदोलन को लेकर दो भागों में बंटे हुए दिखे — कुछ इसे श्रमिकों के अधिकार की लड़ाई मानते हैं, तो कुछ इसे राजनीतिक चाल बता रहे हैं।

निष्कर्ष:
भारत बंद 2025 केवल एक हड़ताल नहीं बल्कि एक चेतावनी है कि अगर श्रमिकों की आवाज़ को अनसुना किया गया, तो देश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक ढांचे पर इसका गंभीर असर पड़ सकता है। आने वाले समय में यह आंदोलन और भी बड़े बदलावों का संकेत दे सकता है।

आपको यह भी पसंद आ सकता है
Leave A Reply

Your email address will not be published.