Atiq Ashraf Murder Case: यूपी विधानसभा में स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने माफिया अतीक अहमद, अशरफ और अतीक के बेटे असद व उसके साथी गुलाम के एनकाउंटर मामले में गठित जांच आयोग की रिपोर्ट सदन में पेश की है। न्यायिक आयोग की रिपोर्ट में UP पुलिस को क्लीन चिट दी गई है इस रिपोर्ट में बताया गया है कि माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या पूर्व नियोजित नहीं थी।
पांच सदस्यीय आयोग का हुआ गठन
इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस की तरफ से कोई लापरवाही नहीं बरती गई, पुलिस के लिए घटना को टालना संभव नहीं था। अतीक अहमद और अशरफ की हत्या को लेकर रिटायर जज दिलीप बाबा साहेब भोसले की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय आयोग का गठन किया गया था। जिसमें झारखंड हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य जज जस्टिस वीरेंद्र सिंह, इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अरविंद कुमार त्रिपाठी, पूर्व पुलिस महानिदेशक सुबेश कुमार सिंह और रिटायर जिला जज बृजेश कुमार सोनी को भी आयोग में सदस्य बनाया गया था।
15 अप्रैल 2023 को हुई थी हत्या
उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी गैंगस्टर अतीक और अशरफ की प्रयागराज के अस्पताल परिसर में 15 अप्रैल 2023 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के मौके से ही तीन नाबालिग आरोपियों को गिरफ्तार किया था, इस हत्याकांड को लेकर पुलिस पर भी सवाल खड़े हो रहे थे। हाल ही में माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ की फरार पत्नी जैनब फातिमा के आलीशान घर पर बुलडोजर कार्रवाई की गई थी। यह कार्रवाई वक्फ बोर्ड की संपत्ति हड़पने के मामले में हुई वहीं प्रयागराज पुलिस ने गैंगस्टर अतीक अहमद के वकील विजय मिश्रा को कैंटोनमेंट थाने में हिस्ट्रीशीटर के रूप में घोषित किया।
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