मुस्लिम समुदायों का सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण कराएंगे Assam CM, जानें जनता की प्रतिक्रिया

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Assam Muslim Survey: असम सरकार ने मंगलवार (3 अक्टूबर) को यह कहा कि वे राज्य के पांच मूल मुस्लिम समुदायों का सामाजिक-आर्थिक सर्वे कराएगी, ताकि उनके विकास के लिए जरुरी कदम उठाए जा सकें. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस विषय पर राज्य सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की.

बिहार के सर्वे का जारी हुआ आंकड़ा

यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब सोमवार (2 अक्टूबर) को बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार जाति आधारित सर्वे का आंकड़ा जारी किया. इस बीच कांग्रेस नेता देबब्रत सैकिया ने कहा कि असम में सभी समुदायों खासकर पिछड़े वर्ग से जुड़े लोगों का सर्वे कर आँकड़ा जुटान चाहिए. उनका कहना है कि गोरिया और मोरिया मूल मुस्लिम समुदाय हैं और ओबीसी से संबंधित हैं फिर सरकार सेलेक्टिव सर्वे क्यों कर रही है? अगर उनका नियत साफ है तो ओबीसी के साथ-साथ एससी और एसटी का भी सर्वेक्षण करवाना चाहिए.

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सर्बानंद सोनोवाल का अगला कदम

उन्होंने कहा कि केवल मुसलमानों, उसमें भी मुख्य रूप से ओबीसी मुसलमानों का सर्वे करना बीजेपी सरकार की विभाजनकारी रणनीति है. यह बिहार सरकार के जाति सर्वेक्षण के बाद प्रतिक्रिया स्वरुप उठाया गया कदम है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता का कहना है कि सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व वाली असम सरकार ने मूल मुस्लिम समुदायों के सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के लिए धन आवंटित किया था, लेकिन यह कभी हुआ नहीं. साल 2011 की जनगणना के अनुसार असम में कुल मुस्लिम आबादी 1.07 करोड़ थी, जो राज्य के कुल 3.12 करोड़ आबादी का 34.22 प्रतिशत थी, जबकि राज्य में 1.92 करोड़ हिंदू थे, जो कुल जनसंख्या का लगभग 61.47 प्रतिशत था.

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