एशिया का सबसे छोटा देश, जहां सिर्फ मुसलमानों को मिलती है नागरिकता, जानें कौन है भारत का ये पड़ोसी?
Maldives: जब कभी भी भारत के किसी मुस्लिम पड़ोसी मूलक की बात आती है तो हमारे जेहन में सबसे पहला नाम पाकिस्तान का आता है. लेकिन आज हम जिस देश की बात करने जा रहे हैं वो पाकिस्तान नहीं बल्कि कोई और देश है. यहां हम बात कर रहे हैं, मालदीव की. एशिया का सबसे छोटा देश मालदीव है, इसका क्षेत्रफल 298 वर्ग किलोमीटर है. आपको ताज्जुब होगी कि इस देश में सिर्फ कुछ लाख लोग ही रहते हैं.
मालदीव की आबादी की बात करें तो 2016 की जनगणना के अनुसार, यहां की आबादी लगभग 4 लाख 28 हजार के करीब थी. लेकिन 2021 में यहां 5.21 लाख की आबादी होने का अनुमान लगाया गया है. आपको बता दें कि मालदीव में करीब 212 द्वीप हैं, जिसमें से करीब 200 द्वीपों पर स्थानीय लोग रहते हैं और 12 द्वीपों को पर्यटक के लिए छोड़ा गया है.
मालदीव के लिए वीजा की जरुरत नहीं
अगर भारतीय मालदीव जाना चाहते हैं तो उनको वीजा की जरूरत नहीं होती है. दरअसल, मालदीव जाने वालों के लिए वीजा ऑन अराइवल की सुविधा उपलपब्ध है. यानी आप यहां के एयरपोर्ट पर जैसे ही उतरेंगे आपको 30 से 90 दिनों का वीजा बिना किसी परेशानी के मिल जाएगा. बस आपके पास वैलिड पासपोर्ट, मालदीव के किसी होटल में रुकने के लिए प्रूफ होना चाहिए.
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इस्लाम ही हो सकते हैं यहां के नागरिक
मालदीव का संविधान कहता है कि केवल वही लोग मालदीव के नागरिक हो सकते हैं जो इस्लाम को मानते हों यानी मुसलमान हों. यहां तक कि मालदीव 2008 का संविधान ये तक कहता है कि सुन्नी इस्लाम यहां का राजधर्म होगा. इसी संविधान में इस बात का भी वर्णन है कि किसी भी गैर मुस्लिम को इस देश की नागरिकता नहीं दी जा सकती. आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां के सरकारी नियम भी इस्लामी कानून पर आधारित हैं.
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