निजी क्षेत्र में आ रहे तकनीकी बदलाव से बदला भारतीय खेलों का भविष्य, खेल राजस्व में 49% की वृध्दि
Asian Games 2023: भारत एशियाई खेलों में अपने अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का जश्न मना रहा है. आयोजन के 72 साल के इतिहास में भारतीय खिलाड़ियों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. ट्रैक और फील्ड में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन असाधारण रहा है. जिसमें एंसी सोजन की लंबी कूद, नीरज चोपड़ा की भाला फेंक प्रतियोगिता बेहतरीन थी. हरमिलन बैंस की 1,500 मीटर की दौड़ और पुरुष टीम की प्रभावशाली रिले दौड़ शामिल रही. जो दर्शकों के लिए खुशी का स्रोत बनी हुई है. भारत की एथलेटिक क्षमता ने भारत को मैडल तालिका में चौथे स्थान पर खड़ा किया.
खेल राजस्व में 49 प्रतिशत की इजाफा
Group-M की एक हाल ही में आई रिपोर्ट से पता चलता है, कि भारत में सभी खेल गतिविधियों के लिए प्रायोजन 2022 में 14,209 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. जो 2021 की तुलना में खेल गतिविधियों में 49 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. विशेष रूप से, इस राजस्व का 85 प्रतिशत क्रिकेट को दिया जाता है, शेष 15 प्रतिशत कबड्डी और फुटबॉल जैसे उभरते खेलों से आ रहे हैं। पिछले 15 वर्षों में, भारत में 15 घरेलू लीगों का शुभारंभ हुआ है. जिनमें इंडियन प्रीमियर लीग, प्रो-कबड्डी लीग, इंडियन हॉकी लीग और ग्लोबल शतरंज लीग जैसे विश्वस्तरीय टूर्नामेंट शामिल है.
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एथेलेटिक्स में सुविधाओं की कमी
अपर्याप्त वित्त पोषण, प्रशिक्षण सुविधाओं, बुनियादी ढांचे और तकनीकी संसाधनों जैसी चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की “स्प्रिंट” और “लंबी छलांग” को देखते हुए महज बहाने की तरह लग सकते हैं. ये बाधाएं एक कठोर वास्तविकता के रूप में सामने आकर उभरी है.
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