ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर अस्सदुदीन औवेसी का बड़ा बयान, उम्मीद हैं, 6 दिंसबर जैसा नहीं होगा

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इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) टीम सर्वे कर रही है। ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे को लेकर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का एक बार फिर भड़काऊ बयान सामने आया है। औवेसी ने कहा, कि अब आगे की चीजें कैसे आगे बढ़ती रहेंगी। आशा करता हूं, कि न तो 23 दिसंबर और ना ही 6 दिसंबर जैसी घटना की पुनरावृति होगी। विवादित वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का भारतीय पुरात्तत्व विभाग की टीम सर्वेक्षण कर रही है। एएसआई सर्वे से मस्जिद की पुरातात्विक विभाग सर्वे करके इलाहाबाद हाईकोर्ट में बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।

ASI सर्वे को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी

वाराणसी की विवादित ज्ञानवापी परिसर का ASI सर्वे करने का मुस्लिम पक्ष विवाद पहले दिन की शुरुआत से विरोध कर रहा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा सर्वे के आदेश के बाद मुस्लिम पक्ष की अंजुमन कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने भी मुस्लिम पक्ष की सर्वे पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश देते हुए कहा, कि पुरातात्विक विभाग के सर्वे पर किसी भी पक्ष को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

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1992 में हुआ था अयोध्या विवाद

दरअसल, असदुदीन ओवैसी अयोध्या में वर्ष 1992 में 6 और 23 दिसंबर को हुई हिंसा की घटना का जिक्र कर रहे है। 6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों की भीड़ ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद को जमींदोज कर दिया था। जिसके बाद हिंसा को काबू करने के लिए पुलिस ने गोलियां भी चलाई। अनियंत्रित भीड़ ने अयोध्या में विवादित ढ़ांचे को भीड़ ने क्षति पहुंचाई थी। 23 दिसंबर को कुछ लोगों ने रामलला की मूर्ति को विवादित ढांचे में रख दिया था।

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