घर में थी गरीबी, रेलवे स्टेशन पर बेचे अखबार, जानिए Abdul Kalam की महान शख्सियत के बारे में

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APJ Abdul Kalam Death Anniversary: कहा जाता है कि इंतजार करने वालों को उतना ही मिलता है, जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं. इसलिए जीवन में परिस्थितियाँ कैसी भी हो. अगर हम ठान लें तो सपने हकीकत में जरूर बदल जाते हैं. ऐसे में आज हम आपको भारत के मिसाइल मैन और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम के जीवन के बारे में बताने जा रहे हैं.

कलाम का बचपन गरीबी में बीता

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म वर्ष 1931 में तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था. उनका बचपन अत्यंत गरीबी में बीता, उनके पिता एक मामूली मछुआरे थे, जिसके कारण परिवार को दो वक्त की रोटी बड़े भाग्य से मिलती थी. लेकिन गरीबी का असर कलाम की पढ़ाई पर बिल्कुल भी नहीं पड़ा. वह शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल थे. जीवन में लाखों परेशानियां देखने के बावजूद यह उनका साहस ही था जिसने उन्हें भारत का 11वां राष्ट्रपति बनाया.

अब्दुल कलाम की शिक्षा

पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए कलाम सुबह चार बजे उठकर सड़कों पर अखबार बेचते थे. उन्होंने 5वीं कक्षा के दौरान विमानन बनने का फैसला किया और बाद में मद्रास इंजीनियरिंग कॉलेज से भौतिकी और वैमानिकी इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. वह भारत के पूर्व राष्ट्रपति…प्रसिद्ध वैज्ञानिक और इंजीनियर के रूप में प्रसिद्ध हुए.

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भारत का गौरव हैं डॉ. कलाम 

कलाम ने लगभग चार दशकों तक एक वैज्ञानिक और विज्ञान प्रशासक के रूप में डीआरडीओ और इसरो जैसे संगठनों की देखभाल की. जिसके कारण देश ने उन्हें ‘मिसाइल मैन’ की उपाधि से सम्मानित किया. डॉ. कलाम ने अपने जीवन में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने अपने जीवन में लगातार सफलता हासिल की. उन्हें बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए प्रोजेक्ट डेविल और प्रोजेक्ट वैलिएंट की जिम्मेदारी भी दी गई, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया. आपको बता दें कि कलाम के नेतृत्व में भारत ने अग्नि, आकाश, नाग, पृथ्वी और त्रिशूल जैसी मिसाइलें विकसित की हैं. यह उनकी सफलता का ही नतीजा है कि आज भारत लंबी दूरी की इन खास मिसाइलों के मामले में आत्मनिर्भर बन गया है.

कैसे हुई मौत?

कलाम का हर शब्द आज भारत और दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करता है. बता दें कि जिस दिन पूर्व राष्ट्रपति का निधन हुआ, उस दिन भी वह कर्तव्य पथ पर डटे रहे. उन्हें हमेशा बच्चों से बहुत लगाव था. 27 जुलाई 2015 को अपनी मृत्यु के दिन भी वह आईआईएम शिलॉन्ग के छात्रों को लेक्चर दे रहे थे. जिस दौरान दिल का दौरा पड़ने से भारत का यह चमकता सितारा हमेशा के लिए डूब गया.

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