जातीय जंग के बीच Bihar सरकार ने जारी किया Caste Based Survey, जानिए किस जाति की कितनी आबादी?

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Bihar Caste Census: बिहार में जाति आधारित जनगणना को लेकर खूब सियासत हुई. बड़े जाति से आने वाले संगठनों ने इसका जोरदार विरोध सड़क से लेकर न्यायालय तक किया. यह मामला पटना उच्च न्यायालय से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक गया. आखिरकार बिहार सरकार के द्वारा जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जारी कर दी गई है. दरअसल बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव विवेक सिंह ने गांधी जयंती के मौके पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जाति आधारित गणना का रिपोर्ट जारी किया है. वहीं जारी रिपोर्ट में साफ-साफ देखने को मिल रहा है कि अति पिछड़ा, पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति प्रदेश में बहुसंख्यक है. वहीं इस रिपोर्ट के अनुसार अनारक्षित (ऊंची जाति) वर्ग के लोग कम है.

किस जाति की कितनी भागीदारी

बता दें कि जाति आधारित गणना-2022 की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01 %, पिछड़ा वर्ग 27.12%, अनुसूचित जाति 19.65%, सामान्य वर्ग 15.52% और अनुसूचित जनजाति 1.68% है. बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव विवेक सिंह ने बताया कि एक जून 2022 को सर्वदलीय बैठक में बिहार में जाति आधारित गणना कराने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया था. जिसके बाद दो जून 2022 को राज्य मंत्री परिषद द्वारा दिए गए निर्णय के आधार पर राज्य में जाति आधारित गणना को दो चरणों में फरवरी 2023 तक संपन्न करने का निर्णय लिया गया था.

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2011 के मुकाबले बिहार की आबादी बढ़ी

दरअसल अपर मुख्य सचिव विवेक सिंह ने कहा कि न्याय के साथ विकास के सिद्धांत पर बिहार सरकार ने राज्य के सभी धर्म एवं जातियों की गणना को संपन्न कराया है. बता दें कि बिहार राज्य में हुई गणना के अनुसार पूरे प्रदेश की जनसंख्या 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 पाई गई है. इसमें बिहार के बाहर में रहने वालों की संख्या 53 लाख 72 हजार 22 है. इसका मतलब बिहार राज्य में रहने वालों की कुल जनसंख्या 12 करोड़ 53 लाख 53 हजार 288 है.

वहीं इसमें पुरुषों की कुल संख्या 6 करोड़ 41 लाख 31 हजार 990 है, जबकि महिलाओं की संख्या 6 करोड़ 11 लाख 38 हजार 460 है. इसके अलावा अन्य की संख्या 82 हजार 836 पाई गई है. दरअसल गणना के मुताबिक बिहार का लिंगानुपात 1000 पुरुषों पर 953 महिलाएं हैं. वहीं पूरे बिहार में कुल दो करोड़ 83 लाख 44 हजार 107 परिवार को सर्वेक्षित किया गया है.

बता दें कि जाति आधारित गणना की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में हिंदुओं की संख्या 10 करोड़ 71 लाख 92 हजार 958 है, वहीं मुस्लिमों की संख्या 2 करोड़ 31 लाख 49 हजार 925 है. दरअसल ईसाई की संख्या 75238, सिख की संख्या 14753, बौद्ध की संख्या 111201 और जैन की संख्या 12523 है. बता दें कि 2011 जनगणना के मुताबिक बिहार की जनसंख्या 10 करोड़ 40 लाख 99 हजार 452 था.

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जाति आधारित गणना क्यों कराई गई?

गौरतलब है कि पिछले कई वर्षों से बिहार में विभिन्न संगठनों के द्वारा जाति आधारित जनगणना कराने का मांग किया जा रहा था. जिसके बाद पिछले वर्ष बिहार सरकार ने इसे कराने का फैसला लिया था. बता दें कि बिहार सरकार की ओर से राज्य में जातियों की संख्या और उनकी आर्थिक स्थिति का पता लगाने के लिए जाति जनगणना कराई गई है. प्रदेश सरकार का कहना है कि इससे आरक्षण के लिए प्रावधान करने और विभिन्न योजनाओं के समुचित क्रियान्वयन में मदद मिलेगी.

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