स्पेन से भारत पहुंचा वायुसेना का नया विशेष विमान, आसमान में बढ़ेगी हिंदुस्तान की ताकत, देखेगा ये सारा जहां

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Indian Airforce New Fighter Jet: भारतीय वायुसेना को बुधवार को 56 C-295 परिवहन विमानों में से पहला प्राप्त हुआ विमान स्पेन से डिलीवर किया गया है। इसी के साथ 21,935 करोड़ रुपये की परियोजना के तहत विमानों की डिलीवरी शुरू हो गई है। जिसे भारत की वायुसेना को आधुनिक बनाने के समग्र उद्देश्य के तहत दो साल पहले एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ डील को मंजूर कर दिया गया था। परिवहन विमान को वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने दक्षिणी स्पेनिश शहर सेविले में एयरोस्पेस में तैयार किए गए विमान को रीसीव करने का अवसर प्राप्त हुआ। एयरबस द्वारा वायुसेना को सौंपे जा रहे विमान पर एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा, “यह जरूरत पड़ने पर हमारी सेनाओं को अग्रिम पंक्ति में ले जाने की क्षमता को जबरदस्त बढ़ावा देता है।”

एयरबस के साथ क्या डील हुई?

एयरबस 2025 तक सेविले में अपनी अंतिम असेंबली लाइन से ‘फ्लाई-अवे’ स्थिति में पहले 16 विमान वितरित करेगा। और बाद के 40 विमानों का निर्माण और संयोजन टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स (TSSL) द्वारा भारत में एक औद्योगिक साझेदारी के हिस्से के रूप में किया जाएगा। दो कंपनियाँ ने पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वडोदरा में 295 विमानों की विनिर्माण सुविधा की आधारशिला रखी थी. यह किसी निजी कंपनी द्वारा भारत में निर्मित होने वाला पहला सैन्य विमान होगा। भारतीय वायुसेना छह दशक पहले सेवा में आए पुराने एवरो-748 विमानों के अपने बेड़े को बदलने के लिए C-295 विमान खरीद रही है। विमान निर्माता ने कहा, कि वैश्विक स्तर पर C- 295 कार्यक्रम में 39 ऑपरेटरों के कुल 280 ऑर्डर शामिल हैं, जो इसे अपने वजन और मिशन वर्ग में एक बेजोड़ विमान बनाता है।

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C-295 विमान क्या है?

C295 को एक बेहतर विमान माना जाता है जिसका उपयोग 71 सैनिकों या 50 पैराट्रूपर्स तक के सामरिक परिवहन के लिए और उन स्थानों पर संचालन के लिए किया जाता है जो वर्तमान भारी विमानों के लिए पहुंच योग्य नहीं हैं। विमान पैराट्रूप और सामान गिरा सकता है, और इसका उपयोग युध्द में घायल सैनिकों व नागरिकों की चिकित्सा निकासी के लिए भी किया जा सकता है। विमान विशेष अभियानों के साथ-साथ आपदा प्रतिक्रिया और समुद्री गश्ती कर्तव्यों को पूरा करने में सक्षम है। पिछले साल मेगा डील फाइनल होने के बाद, एयरबस ने कहा, कि C-295 कार्यक्रम के तहत कंपनी अपने औद्योगिक भागीदारों के सहयोग से विश्व स्तरीय विमान निर्माण और सर्विसिंग का पूरा कारखाना भारत में लगाएगी।

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