AI Tools: क्या AI कर सकता है आपके फोन्स और लैपटॉप्स की जासूसी? जानें एक्सपर्ट्स की राय !
AI Tools: AI के आने के बाद से दुनियाभर में टेक्नोलॉजी को लेकर एक नई क्रांति देखी जा रही है जहां यूजर्स की सहुलियत के लिए टेक कंपनियों ने फोन्स से लेकर लैपटॉप तक में एआई का फीचर डाल दिया है। जिसकी वजह से आने वाले समय में लोग आसानी से अपने गैजेट्स में एआई का यूज कर सकेंगे। वैसे देखा जाए तो एआई की विश्वसनीयता को लेकर लोगों के अंदर अभी कई तरह के सवाल हैं, जैसे इसका इस्तेमाल करने के लिए यूजर्स को कितने पैसे खर्च करने पड़ेंगे या फिर इसको यूज करने में यूजर्स का डेटा कितना सुरक्षित रहेगा।
ChatGPT के अस्तित्व में आने के बाद से Apple, Microsoft और Google जैसे टेक जाइंट्स ने अपना पूरा फोकस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तरफ लगा दिया। इसी क्रम में ये सब अपने डिवाइसेस में इनबिल्ड एआई फीचर दे रहा है एआई की पावर को देखते हुए लोग अपने काम को आसान करने के लिए इसका जमकर यूज कर रहे हैं।
एआई के साथ शेयर करना होगा अपना डेटा
यदि आप चाहते हैं कि एआई और भी अच्छे से काम करें, तो आपको अपना डेटा उनके साथ साझा करना होगा। इससे वे आपके काम को ऑटोमेटिक रूप से संपादित करने में सक्षम हो जाएंगे। हालांकि, उपयोगकर्ताओं का डेटा कंपनी के पास पहले से होता है, लेकिन अब आपको एआई के साथ अधिक डेटा साझा करना होगा।
बड़ी टेक कंपनियां रखेंगी आपके डेटा पर नजर
हम अगर बड़ी टेक कंपनियों की बात करें तो ये सभी यूजर्स के डेटा और काॅल को सुनेंगे ताकि एआई उसका इस्तेमाल करके मदद कर सकें जहां गूगल यूजर्स को स्पैम कॉल से बचाने के लिए नया फीचर लेकर आया है। जिसमें स्केम काॅल आने पर ये फीचर अलर्ट करेगा पर इसके लिए आपको गूगल को सभी कॉल्स का एक्सेस देना होगा। वहीं, Microsoft ने Recall नाम से एक फीचर लेकर आया है जो कि यूजर के नोटपैड से लेकर सोशल मीडिया तक का स्क्रीनशॉट लेगा ताकि भविष्य में काम करने पर इसका इस्तेमाल किया जा सके इसके अलावा एप्पल का एप्पल इंटेलिजेंस लोगों के डेटा को स्टोर करेगा ताकि भविष्य में काम आने पर उसका इस्तेमाल किया जा सके। अब देखना ये होगा कि लोग इन एआई फीचर्स का कितना इस्तेमाल करते हैं, वो भी अपने डेटा को शेयर के बाद।