40 गांव-40 साल” जानिए बस्तर के इन गांवों के लिए क्यों इतना खास है ये चुनाव?

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Bastar Assembly Election: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों के साथ-साथ चुनाव आयोग भी युद्ध स्तर पर तैयारियों में जुटा गया है. वहीं, बस्तर जिले में इस बार के विधानसभा चुनाव बहुत खास होने वाला हैं, क्योंकि यहां के 40 नक्सल प्रभावित गांवों के लोगों को 40 साल में पहली बार मतदान होगा. ऐसे में नक्सल प्रभावित इलाकों में चुनाव कराना आयोग के लिए एक बड़ी चुनौती है.

आयोग ने शुरू किया पोलिंग पार्टियों को प्रशिक्षण

पिछले पांच सालों में सरकार द्वारा इन अति नक्सल प्रभावित इलाकों में 60 से अधिक सुरक्षा बल कैंप स्थापित किए गए हैं और अब पुलिस के अनुसार ये इलाके इतने सुरक्षित हैं कि वहां वोटिंग कराया जा सकता है. इन गांवों में 120 मतदान केंद्र दोबारा खोले जा रहे हैं. इसके लिए चुनाव आयोग ने पोलिंग पार्टियों को प्रशिक्षण देना भी शुरू कर दिया है.

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7 नवंबर को होगा बस्तर के सभी जिलों में मतदान

बस्तर में आगामी 7 नवंबर को होने वाले इलेक्शन के लिए सुरक्षा बलों की तैयारी के बारे में बताते हुए आईजीपी सुंदरराज ने कहा कि जैसा कि सभी जानते हैं, छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 7 नवंबर को बस्तर के सभी सात जिलों में मतदान होनी है.
इसे लेकर प्रशासन की तैयारी चल रही है और हम पूरी चुनाव प्रक्रिया को व्यवस्थित तरीके से संचालित करने के लिए अपनी कोशिश कर रहे हैं. हमें पूरी उम्मीद है कि इस बार चुनाव प्रक्रिया में कोई बाधा नहीं आएगी. उन्होंने आगे कहा कि नक्सली समस्या के कारण बंद या स्थानांतरित किए गए कुछ मतदान केंद्रों को दुबारा स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है.

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