जब भारत में रेपिस्ट को मिली थी ऐसी सज़ा, खून से लाल हो गई थी ज़मीन

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kolkata rape murder case: कोलकता रेप और हत्या मामले की जांच CBI कर रही है। सीबीआई डॉक्टर के हत्यारे संजय रॉय को लेकर काफी सतर्क है। हत्यारे संजय रॉय के खिलाफ लोगों का गुस्सा चरम पर है। सीबीआई भी इस बात को बखूबी जानती है। यही वजह है कि उसे कोर्ट में पेश करने के लिए सीबीआई को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। सीबीआई को डर है कि कोर्ट में पेश करते वक्त हत्यारा संजय रॉय गुस्साई भीड़ के हत्थे न चढ़ जाए। जिस तरह अक्कू यादव के साथ हुआ, वैसा ही कुछ संजय के साथ भी हो सकता है।

क्या है अक्कू यादव केस

बता दें अक्कू यादव केस आज से 20 साल पुराना केस है। अक्कू यादव कोई छोटा-मोटा अपराधी नहीं था। वह एक सीरियल किलर और बलात्कारी था। उसने 40 से ज्यादा महिलाओं के साथ बलात्कार किया था। अक्कू यादव महाराष्ट्र के नागपुर के कस्तूरबा नगर झुग्गी बस्ती का रहने वाला था। अक्कू यादव सालों तक अपनी झुग्गी बस्ती की महिलाओं के साथ बलात्कार करता रहा।

1999 में पहली बार हुआ गिरफ्तार 

उसने 10 साल की उम्र से लेकर अधेड़ उम्र की महिलाओं को अपनी हवस का शिकार बनाया। उसके खिलाफ कोई बोलने को तैयार नहीं था। लेकिन कहते हैं न कि पापों का घड़ा एक दिन जरूर भरता है। उसके पापों का घड़ा भी भर गया और उसे 1999 में पहली बार पुलिस ने गिरफ्तार किया।

कैसे खत्म हुआ अक्कू यादव का खौफ?

अक्कू यादव के डर से कोई कुछ नहीं बोलता था। लेकिन अगस्त 2004 में उसके साथ कुछ ऐसा हुआ, जिसकी गूंज सालों तक सुनाई देती रही। यहां तक ​​कि उस पर एक वेब सीरीज भी बनी। जी हां, 13 अगस्त 2004 को जब अक्कू यादव को कोर्ट में पेश किया गया तो वो उसका आखिरी दिन था। कोर्ट रूम महिलाओं से खचाखच भरा हुआ था। क्रूर अक्कू को देखते ही महिलाओं ने कानून अपने हाथ में ले लिया।

महिलाओं ने पुलिसकर्मियों और अक्कू यादव के चेहरे पर लाल मिर्च पाउडर फेंकना शुरू कर दिया। फिर उन्होंने अक्कू यादव को पुलिस हिरासत से छुड़ा लिया। गुस्साई भीड़ के सामने पुलिस भी डर गई। इसके बाद महिलाओं ने अक्कू यादव पर चाकुओं और पत्थरों से हमला कर दिया। उन्होंने तब तक उस पर हमला किया जब तक उसकी मौत नहीं हो गई। मात्र 15 मिनट में ही कोर्ट रूम का सफेद संगमरमर का फर्श लाल हो गया और दीवारों पर खून के छींटे पड़ गए।

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