हीरा मंडी में ताहा शाह ने ताजदार के लिए नहीं बल्कि एक सपोर्टिंग रोल के लिए ऑडिशन दिए थे, हुए थे रिजेक्ट लेकिन फिर भी मिला लीड रोल
Taha Shah: हीरामंडी में ताजदार बलोच ऊर्फ था साहब जिन्होंने ताजदार का किरदार अदा किया है, वह अभी पुरे सोशल मीडिया पर एक न्यू नेशनल क्रश बनकर उभरे हैं. लोगों को था शाह बेहद पसंद आ रहे हैं और उनका हीरा मंडी में भी काफी अच्छा किरदार था. तहस हीरामंडी के अंदर एक क्लींजिंग कैरक्टर के रूप में नजर आए थे. लेकिन क्या आप सभी जानते हैं कि एक्टर ताहा शाह इस वेब सीरीज में कभी भी लीड रोल का ऑडिशन नहीं दिया था बल्कि उन्होंने साइड रोल का ऑडिशन दिया था जिसका स्क्रीन टाइम काफी कम था. तो कैसे ताहा शाह ने सीरीज के अंदर लीड रोल का किरदार निभाया आइए जानते हैं.
ताहा शाह के लिए सबसे बड़ा किरदार
अभी हाल ही में ताहा ने अपने इंटरव्यू में बताया कि हीरा मंडी का रोल उनके लिए अभी तक का सबसे बड़ा किरदार था. सीरीज रिलीज होने के बाद उनके पूरे परिवार को उनके पूरे दोस्तों की तरफ से उनकी तारीफों के लिए कॉल आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनको इस सीरीज में काम करके कैसा लगा. उन्होंने अपने परिवार का भी रिएक्शन बताया उन्होंने बताया कि उनकी मां अब बहुत ज्यादा खुश है और वह दूसरों से खुद मेरी बात करने में गर्व महसूस करने लगी है. उन्होंने आगे भी बताया कि वह उन्हें चुपचाप सुनते रहते हैं और वह उनकी तारीफें तेरे बिना रुक ही नहीं पाती. उन्होंने कहा कि हीरामंडी हो सकता है उनकी किस्मत भी बदले क्योंकि अब उन्हें काफी कम मिल सकता है पहले तो लोग कोई मुझे जानते नहीं थे और लेकिन आप यह सीरीज उनके प्रति काफी ज्यादा परसेप्शन बदलेगी.
हीरामंडी के ऑडिशन में हुए थे रिजेक्ट
आपको बता दे की एक्टर ने बताया है इंटरव्यू में की उन्होंने कभी भी लीडिंग रोल के लिए ऑडिशन दिए ही नहीं थे बल्कि उन्होंने हमेशा से एक सपोर्टिंग रोल के लिए आडिशन दिया था और उसका स्क्रीन टाइम भी काफी ज्यादा कम था. उन्होंने इस सीरीज के अंदर ताजदार का दोस्त बलराज का ऑडिशन दिया था लेकिन बाद में इस किरदार के लिए एक्टर को रिजेक्ट कर दिया गया था.
ऑडिशन के वक्त कुछ ऐसा हुआ जिसने ताहा शाह की किस्मत बदल के रख दी. एक्टर ने बताया कि संजय लीला भंसाली ने मुझे देखा और उन्होंने कहा कि उन्होंने मेरी आंखों में कुछ देखा है और वह चाहते हैं कि मैं ताजदार का किरदार अदा करूं. एक्टर ने आगे बताया मैं एक ऐसा आदमी जिसकी फेस पर हर कोई रिजेक्शन और जिन्हें रिजेक्शन की आदत हो गई हो, लेकिन फिर अचानक से मेरे जैसे आदमी को इतना बड़ा रोल ऑफर हो तो मेरे लिए काफी शॉकिंग था.
ताजदार के किरदार के लिए लिया था एक्टर का टेस्ट
बातचीत के दौरान टहलने आगे बताया कि शोध शुरू होने के 2 दिन तक तो संजय लीला भंसाली ने उनसे कुछ भी बात नहीं की थी. उन्होंने बताया वह उनके पास आकर खड़े भी नहीं होते थे लेकिन और कुछ इंस्ट्रक्शंस भी देने होते थे तो वह अपने असिस्टेंट क्या किसी और लोगों को मुझ तक पहुंचाने के लिए बोलते थे. लेकिन फिर तीन दिन बाद संजय लीला भंसाली ने खुद साइड में लेकर आए और उनसे पूछा कि “तू मुझसे बात क्यों नहीं करता?, तू मेरे पास आकर बैठ, मुझे ऑब्जर्व किया कर”. उसके बाद डॉक्टर ने ठीक ऐसा करने लगा और उनके पास भी आकर बैठे थे और उसके बाद उन्हें ऑब्जर्व भी करते थे.