विज्ञापनों में काम कर करके बहुत लंबे समय बाद दिखेगी इस फेमस सास बहु के सीरियल में
कई बार होता है कि सेलेब्स कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते चले जाते हैं, लेकिन फिर एक दौर आता है, जब उनके लिये सक्सेस के दरवाजे बंद हो जाते हैं. कुछ ऐसा ही टेलीविजन एक्ट्रेस ज्योति गौबा के साथ हुआ है. इन दिनों वो कयामत से कयामत तक सीरियल में नजर आ रही हैं. सीरियल से पहले उन्हें कई विज्ञापनों में भी देखा गया है. पर आज वो जिस मुकाम पर हैं. वहां तक पहुंचने के लिये उन्होंने बहुत कुछ झेला है. जानते हैं कि किन मुश्किलों को पार करके ज्योति ने टेलीविजन इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई.
बच्चों के लिये शुरू किया काम
जोश टॉक संग बातचीत में ज्योति ने अपनी लाइफ की वो कहानी शेयर की, जिसके बारे में अब तक लोगों को पता नहीं था. एक्ट्रेस ने बताया कि शादी के कुछ साल बाद वो अपने पति से अलग हो गई थीं. उनके ऊपर दो जुड़वां बेटों की जिम्मेदारी थी. हर मां की तरह वो भी अपने बेटों को कामयाब बनता देखना चाहती थीं. उनके लिये कुछ सपने देख रही थीं. जब वो टीवी पर विज्ञापन देखतीं, तो सोचती कि मेरे बेटे भी इसी तरह ऐड में आएंगे. लेकिन हुआ उल्टा. कास्टिंग डायरेक्टर ने उनके बेटों की जगह उन्हें विज्ञापन में काम करने के लिये कहा. पहले वो थोड़ा डरीं, लेकिन बाद में उन्होंने ये कर दिखाया.
टेलीविजन सीरिल्स में हुई एंट्री
ज्योति कहती हैं कि उन्होंने 12 साल तक लगभग 600 विज्ञापनों के लिये शूट किया, लेकिन इसके बाद उनके लिये विज्ञापनों के रास्ते बंद कर दिये गये. एजेंसी का कहना था कि वो लगभग हर ऐड में नजर आ चुकी हैं. इसलिये अब उन्हें और किसी विज्ञापन के लिये नहीं लिया जा सकता. विज्ञापन मिलना बंद हुए, तो उन्होंने टेलीविजन की ओर रुख किया. क्योंकि उन्हें अपने बच्चों की देखरेख करनी थी.
ज्योति भी प्रोड्यूसर की उम्मीदों पर खरी उतरीं. उन्होंने अपनी एक्टिंग पर खूब मेहनत की. इसके बाद उन्हें फिर सुबह होगी, एक हसीना थी, कमस तेरे प्यार की, नागिन 4, इमली और कथा अनकही जैसे शोज में काम करने का मौका मिला. अब वो कयामत से कयामत तक शो में राधा का रोल निभा रही हैं. तमाम सास-बहू शोज के अलावा वो कई बॉलीवुड मूवीज में भी काम कर चुकी हैं.
बच्चों की परवरिश में नहीं की कमी
ज्योति कहती हैं कि हर मां की तरह मैं भी अपने जुड़वां बेटों को हर खुशी देना चाहती थी. पर पैसों की कमी के कारण उनकी कई ख्वाहिशें अधूरी रह गईं. पर उन्होंने कभी भी अपने बच्चों की पढ़ाई में किसी तरह की कमी नहीं की उन्होंने खुद मुश्किलें झेलीं, लेकिन बच्चों को बेस्ट ऐजु दी. आज उनके दोनों बेटे अच्छी पोजिशन पर हैं और अपने पैरों पर खड़े हो चुके हैं.